मंडी में अंशदान पर कटौती से भड़का राजकीय अध्यापक संघ

प्रदेश सरकार द्वारा नियोक्ता के रूप में जो 14 प्रतिशत अंशदान राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों के खाते में किया जाता है उसे भी आयकर केदायरे में लाने पर शिक्षक संघ भड़क गए हैं। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापकसंघ के जिलाध्यक्ष अश्वनी गुलेरिया की अध्यक्षता में हुई।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 01:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 01:02 PM (IST)
मंडी में अंशदान पर कटौती से भड़का राजकीय अध्यापक संघ
अंशदान पर कटौती से राजकीय अध्‍यापक संघ भड़क गया है।

मंडी, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नियोक्ता के रूप में जो 14 प्रतिशत अंशदान राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों के खाते में किया जाता है, उसे भी आयकर के दायरे में लाने पर शिक्षक संघ भड़क गए हैं। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापकसंघ के जिलाध्यक्ष अश्वनी गुलेरिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका विरोध किया गया।

गुलेरिया ने कहा कि पहले तो कर्मचारियों की पेंशन निजी हाथों को बेच दी और एनपीएस के नाम पर फंड कटाना शुरू कर दिया नाममात्र पेंशन के लिए सरकार भी 10 फीसदी अंशदान देने लगी जो कि अब बढ़कर 14 फीसद है। ताज्जुब की बात है कि सरकार द्वारा दिया गया अंशदान पहले कभी भी कर्मचारी की सालाना सैलरी में एड नहीं होता था, परंतु अब यह शेयर इनकम टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है, जो कि एनपीएस कर्मियों के साथ सरासर अन्याय है।

सरकार एनपीएस कर्मचारियों की पीड़ा कम करने के बजाय उनपर तरह तरह की शर्तें लगाकर उनपर होने वाले अत्याचार को बढ़ाया जा रहा है। अश्वनी गुलेरिया ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए अंशदान को कर्मचारी की सालाना आय में शामिल नहीं किया जाए और जिस तरह केन्द्रीय सरकार ने अप्रैल 2019 में राष्ट्रीय पेंशन योजना के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए अपना अंशदान 10 प्रतिशत से बढाकर 14 प्रतिशत हुए ,अंशदान पर इनकम टैक्स में पूर्ण छूट दी जाए।

बैठक में महासचिव देव राज शर्मा, वित्त सचिव राज कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दलीप ठाकुर महिला बिंग अध्यक्षा भारती बेहल मुख्य प्रेस सचिव राकेश शर्मा , मुख्य सलाहकार नानक चंद , नई पेंशन सकीम के अंतर्गत करुण शर्मा श्याम लाल शर्मा आदि मौजूद थे।

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