पहाड़ की सैर को जाएं, अधिक सतर्क रहें

व्यस्त जिंदगी से कुछ पल निकाल कर लोग पहाड़ की सैर करना चाहते हैं। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ सालभर पर्यटकों को लुभाते हैं। जब मैदान तपते हैं तो पहाड़ राहत देते हैं। सर्दियों में हिमपात का नजारा और बरसात में बारिश देखने का भी अपना ही मजा है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 09:03 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 09:03 PM (IST)
पहाड़ की सैर को जाएं, अधिक सतर्क रहें
सोमवार को बारिश के बाद कुछ यूं नजर आया शिमला। जागरण

धर्मशाला, नीरज आजाद। व्यस्त जिंदगी से कुछ पल निकाल कर लोग पहाड़ की सैर करना चाहते हैं। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ सालभर पर्यटकों को लुभाते हैं। जब मैदान तपते हैं तो पहाड़ राहत देते हैं। सर्दियों में हिमपात का नजारा और बरसात में बारिश देखने का भी अपना ही मजा है। लेकिन इस बार पहाड़ पर अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इस बार पहाड़ पर दो खतरों से बचना बहुत जरूरी है। वैश्विक महामारी कोविड 19 का खतरा अभी टला नहीं हैं। दूसरा खतरा भारी बरसात का है। एक सप्ताह पूर्व ही बरसात ने कांगड़ा जिला में खूब कहर बरपाया है। एक ही गांव में 10 लोगों की घरों में दबने से मौत हो गई। वहीं पंजाब के मशहूर गायक मनमीत सिंह की नाले में बह जाने से मौत हो गई। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति भी बाढ़ में बह गई।

न जाएं नदी नालों के किनारे

पहाड़ों पर जरा सी भी लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है। यहां कदम कदम पर सतर्क रहना जरूरी है। जिन स्थानों की जानकारी नहीं है वहां पर अकेले न जाएं। पहाड़ों पर अचानक बादल घिर जाते हैं और बरस जाते हैं। हिमाचल में प्रवेश करते ही पर्यटक नालों व नदियों में निर्मल पानी देखकर उत्साहित हो जाते हैं और कम पानी देखकर नहाने उतरे जाते हैं। कई पर्यटक फोटो खींचने नालों व नदियों के किनारे पर पहुंच जाते हैं। बरसात में पहाड़ी रास्तों पर फिसलन भी बढ़ जाती है। इसलिए ऐसे रास्तों पर जाने से परहेज किया जाना चाहिए।

जरूरी है मास्क व शारीरिक दूरी

अन्य राज्यों से हिमाचल प्रदेश में आने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है लेकिन कोरोना से बचाव के लिए जारी हिदायतों को भूलना कतई सही नहीं है। पर्यटक ही नहीं स्थानीय लोग भी मास्क पहनना और शारीरिक दूरी के नियम को भूल रहे हैं। इस तरह कर वे खुद की ही नहीं दूसरों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। पहाड़ों की सैर जीवनभर के लिए सुखद अहसास करवाए इसलिए मास्क, शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी आशंका की भी जल्द आने की आशंका जताई है। इसलिए अभी किसी तरह की ढील न हो।

संयम का परिचय दें

सुकून पाने के लिए ही लोग सैर के लिए जाते हैं। वहां पर किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। अन्य राज्यों से आने वाले कई पर्यटकों की गाडिय़ों में तेजधार हथियार होने कई तरह के सवाल उठाता है। आखिर इनकी जरूरत क्यों? संयमित व संस्कारित लोगों को ऐसी चीजों की जरूरत नहीं होती। ऐसे लोग अपने व्यवहार से ही दूसरों का दिल जीत लेते हैं। पहाड़ पर आकर किसी तरह का झगड़ा करना खुद के लिए परेशानी पैदा करना है। अन्य राज्यों से आने वाले चंद लोगों के कारण ही पुलिस को प्रदेश के प्रवेशद्वारों पर पुलिस तैनात कर उनके वाहनों की जांच करनी पड़ रही है। इस तरह के कुछ लोगों को लौटाया भी गया है।

शांति भंग करने की इजाजत नहीं

प्रदेश के शांत माहौल को अशांत करने की किसी को इजाजत नहीं है। सरकार ने पर्यटन स्थलों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। बल के जवान लोगों को न केवल वैश्विक महामारी के खिलाफ ही जागरूक नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी सुखद यात्रा को भी सुनिश्चित बना रहे हैं। अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है इसलिए उनका दायित्व है कि वे हिमाचल में आएं यहां और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।

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