उद्योग आवश्यकतानुसार हिमाचली उम्मीदवारों को रोजगार दें
कौशल विकास निगम की ओर से आयोजित बैठक में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ कौशल विकास निगम ने निकट भविष्य की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को साझा किया। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक प्राधिकरण (बीबीएनआइए) और बद्दी तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (बीटीटीआइ) के सहयोग से संस्थान के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। कौशल विकास निगम की ओर से आयोजित बैठक में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ कौशल विकास निगम ने निकट भविष्य की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को साझा किया। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक प्राधिकरण (बीबीएनआइए) और बद्दी तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (बीटीटीआइ) के सहयोग से संस्थान के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। निगम के महाप्रबंधक डा. सनील ठाकुर ने निगम और एचपीएसडीपी के तहत चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निगम प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और कौशल आवश्यकताओं के अंतर को कम कर रहा है।
इसके बाद महाप्रबंधक (प्रशिक्षण) हर्ष अमरेंद्र ङ्क्षसह ने लक्ष्यों के बारे में बताया और कहा कि फ्लेक्सी एमओयू के बारे में भी कहा कि जहां उद्योग आवश्यकताओं के अनुसार उम्मीदवारों का चयन कर सकते हैं। इसके लिए एकमात्र मानदंड यह है कि उम्मीदवार हिमाचली होना चाहिए। उद्योग सीएसआर कार्यक्रम के तहत काम करना चाहते हैं, वे हिमाचल के युवाओं को कौशल शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। सीमेंस के अखिलेश शाही ने बताया कि निगम उन्नत मशीनरी और नई प्रौद्योगिकियां उम्मीदवारों को उद्योग की मांग के लिए तैयार करने में मदद करती हैं। सीमेंस प्रदेश के युवाओं के लाभार्थी के लिए हिमाचल विशिष्ट आइओटी योजनाओं की भी तलाश कर रहा है, क्योंकि भविष्य निकट है और हमें इसके लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। कोर-ईएल से सादिया अरशद ने उम्मीदवारों को किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होने पर बेहतर मदद करने के लिए स्थानीय स्तर पर अपने अधिकारियों को तैनात करके बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए कोरिल और सीमेंस के विभिन्न प्रयासों के बारे में अवगत कराया।
बीबीएनआइए के पूर्व अध्यक्ष शैलेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में अधिक निवेशक प्राप्त करने के लिए संभवत: विभिन्न गतिविधियों के बारे में उद्योगों को अवगत किया जाना चाहिए। बद्दी इंफ्रास्ट्रक्चर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय अरोड़ा ने कहा कि हम छात्रों को कैसे तैयार कर सकते हैं। हमें उन्हें यह समझाना होगा कि सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं और निजी क्षेत्र में स्वरोजगार और नौकरियों की संभावनाओं को तलाश करने की जरूरत है। ईएसएससीआइ के वीरेंद्र धीमान ने उद्योग और इसके महत्व के बारे में कहा और किस तरह से ईएससीआइ ने मांग का समर्थन करने के लिए कुछ पाठ्यक्रम विकसित करके आवश्यकता को पूरा करने में मदद की।
कौशल विकास निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह ने कहा कि हम कस्टम मेड प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने के लिए तैयार हैं। उद्योगों को हमें अपनी जरूरतें बतानी चाहिए और हम उन्हें उस तरह का कुशल कार्यबल प्रदान करने का प्रयास करेंगे। उद्योगों के प्रतिनिधियों के पास विभिन्न प्रश्न थे, जिनका उत्तर प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान दिया गया।