मां बज्रेश्वरी की पिंडी का 17 क्विंटल मक्खन से श्रृंगार

07 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पहले दिन किए मक्खन रूपी पिंडी के दर्शन 5.5 फीट ऊंची मां

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:52 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:52 AM (IST)
मां बज्रेश्वरी की पिंडी का 17 क्विंटल मक्खन से श्रृंगार
मां बज्रेश्वरी की पिंडी का 17 क्विंटल मक्खन से श्रृंगार

घृत पर्व

07 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पहले दिन किए मक्खन रूपी पिंडी के दर्शन

5.5 फीट ऊंची मां की पिंडी बनाई गई मक्खन से

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शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में मां की पिंडी का 17 क्विंटल से अधिक मक्खन से श्रृंगार किया गया है। मक्खन से 5.5 फीट ऊंची मां की पिंडी बनाई गई है। घृत पर्व के पहले दिन सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मक्खन रूपी पिंडी के दर्शन किए। आगामी छह दिन तक श्रद्धालुओं का हुजूम मां के दरबार में लगा रहेगा। मां की पिंडी का मक्खन से श्रृंगार करने का कार्य शुक्रवार सुबह चार बजे समाप्त हुआ। इसके बाद माता की आरती की गई। देर रात तक मंदिर परिसर में भगवती जागरण सुनने के लिए हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। इस बार श्रद्धालुओं ने 27 क्विंटल से अधिक देसी घी दान में दिया है लेकिन 24 क्विंटल देसी घी से ही मक्खन बनाया गया है।

-प्रस्तुति, रितेश ग्रोवर, कांगड़ा

बाक्स न्यूज

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श्रृंगार करने में लगे पाच घटे

मक्खन से मां की पिंडी का श्रृंगार करने में करीब पाच घटे लगे। श्रृंगार में काजू, बादाम, मेवे, अखरोट, बड़ी इलायची, काली मिर्च आदि भी लगाए गए हैं। करीब छह पुजारियों ने पिंडी का श्रृंगार किया है।

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एक सप्ताह नहीं मिलेगा मां का चरणामृत

पिंडी पर मक्खन चढ़ाने से एक सप्ताह तक मां का स्नान नहीं किया जाएगा। इस कारण श्रद्धालु एक सप्ताह तक मां का चरणामृत प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

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मंदिरों में रही घृत पर्व की धूम

श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर के साथ क्षेत्रपाल, श्री कपालेश्वर महादेव कपाल भैरव कागड़ा, समीरपुर स्थित कालका माता मंदिर में भी घृत पर्व की धूम रही। क्षेत्रपाल मंदिर में मक्खन से भगवान शिव की बनाई गई प्रतिमा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक का केंद्र बनी रही। सैकडों श्रद्धालुओं ने प्रतिमा के साथ सेल्फी ली।

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श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में तीन रूपों में पूजा होती है। मां की पिंडी के साथ भद्रकाली व एकादशी की पिंडी पर भी मक्खन चढ़ाया गया है। सिंहवाहनी की पिंडी का भी मक्खन से श्रृंगार किया गया है।

-सुशील व अरुण, वरिष्ठ पुजारी, बज्रेश्वरी मंदिर

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कपालेश्वर महादेव मंदिर में मक्खन चढ़ाने की परंपरा निभाई गई है। मकर सक्राति को शिवलिंग पर 108 बार जल से धोए गए घी से शिव विग्रह बनाया गया है, जो सात दिन तक रहेगा।

-विजय नाथ, महंत, कपालेश्वर मंदिर

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समीरपुर की चकवन पंचायत में स्थित कालका माता मंदिर में 30 किलो मक्खन से पिंडी का श्रृंगार किया है। यह पंरपरा 10 वर्ष से चली आ रही है और आगे भी जारी रहेगी।

-जीवन कुमार गिरी, पुजारी, कालका माता मंदिर

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मक्खन से भगवान क्षेत्रपाल को भगवान शिव का रूप दिया गया है। इसमें पडित अजरुन अवस्थी, नितिन शर्मा, युवम शर्मा, राधव शर्मा व मानव शर्मा ने भी मदद की है।

-पंडित दिवाकर शर्मा, पुजारी, क्षेत्रपाल मंदिर

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