स्वाधीनता संग्राम के सैनानी सुखिया राम ने 101वें वर्ष में रखा कदम, जापान में रहे थे युद्ध बंधी, अभी भी हैं स्वस्थ
स्वाधीनता संग्राम के सैनानी सुखिया राम ने जीवन के 100 वर्ष पूरे कर 101वें साल में कदम रखा। विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस के चलते और इनकी आयु को ध्यान में रखते हुए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इनको मुबारकवाद देने इनके घर नहीं पंहुचा।
तिनबड (कांगड़ा) जेएनएन। स्वाधीनता संग्राम के सैनानी सुखिया राम ने जीवन के 100 वर्ष पूरे कर 101वें साल में कदम रखा। विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस के चलते और इनकी आयु को ध्यान में रखते हुए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इनको मुबारकवाद देने इनके घर नहीं पंहुचा। घर में मौजूद पौत्रवधु सिमरन ने बताया कि सैनानी सुखिया राम का जन्मदिन है। वह स्वस्थ हैं हां, इनकी याददाश्त में थोड़ी कमजोरी आ गई है। कुछ बातें याद हैं कुछ भूल जाते हैं।
स्वतंत्रता सैनानी सुखिया राम ने बताया कि वह दिन में तीन बार चाय पीते हैं और चाय का कप भी अलग है और बहुत बड़ा है। दिन में दो बार दूध पीते हैं। खाना जो घर में बनता है खाते हैं खाना खाने का समय निश्चित है एक मिनट की भी देरी बर्दाशत नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह सोलह साल के थे तभी फौज में भर्ती हो गए थे। उन्होंने दो बार फौज की नौकरी की है।
जापान में बंदी भी बनाए गए थे। उनके चार बेटे और दो बेटियां हैं उनमें एक बेटे और एक बेटी स्वर्ग सिधार चुके हैं बाकि सभी सरकारी नौकरी करते हैं और बड़े अफसर हैं और नौकरी के कारण घर से बाहर रहते हैं। कभी कभी उनसे मिलने घर आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि अव याददाश्त कमजोर हो गई है बहुत सारी बातें याद नहीं रही हैं।
जब उनसे विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के बारे में पूछा तो बताया कि क्या पता लोग कह रहे हैं कि बड़ी भयानक बीमारी आई है सभी लोग मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें याद नहीं कि ऐसी बिमारी से कभी सामना किया हो। भूकंप और बाढ़ आदि के कारण लोगों को परेशान होते तो देखा था पर ऐसा नहीं देखा जो आज हो रहा है। उन्हें इंदिरा गांधी से ताम्र पत्र भी मिला है।
यह है संक्षिप्त विवरण
सैनानी सुखिया राम का जन्म 18-04-1921 को हुअा। फौज में 1941 भर्ती हुए, हुक्का पीने के शौकीन हैं। जापान में बंदी रहे। लोग उन्हें मर चुका समझ चुके थे, लेकिन वह घर छह साल बाद लौटे। चार बेटों व दो बेटियों में से एक बेटा और एक बेटी एवम् पत्नी स्वर्ग सिधार चुके हैं। इंदिरा गांधी से ताम्र पत्र भी मिला है।