रूलेहड़ हादसा : मलबे में चार और लोगों के निकाले शव, भाई-बहन शामिल
उपमंडल शाहपुर की बोह घाटी की रुलेहड़ पंचायत में हुए भूस्खलन से मलबे में दबे चार और लोगों के शव मंगलवार को एनडीआरएफ ग्रामीणों व गृहरक्षकों की टीमों ने निकाल लिए हैं। इसमें भाई-बहन भी शामिल हैैं। पांच लोगों का अभी पता नहीं चल पाया है।
बोह (कांगड़ा), जागरण संवाददाता। कांगड़ा जिले के उपमंडल शाहपुर की बोह घाटी की रुलेहड़ पंचायत में मलबे में दबे चार और लोगों के शव मंगलवार को एनडीआरएफ, ग्रामीणों व गृहरक्षकों की टीमों ने निकाले हैं। मृतकों में भाई-बहन भी शामिल हैं। हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच अभी मलबे में ही दबे हैं।
राहत व बचाव टीमों ने सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया था, लेकिन 10 बजे बारिश शुरू होने से करीब दो घंटे तक बचाव कार्य बंद करना पड़ा। सायं करीब छह बजे ममता देवी पुत्री भीमो राम, कार्तिक कुमार पुत्र भीमो राम, शकुंतला देवी पत्नी प्रकाश चंद व शिव कुमार पुत्र सुभाष चंद का शव निकाला है। पोस्टमार्टम घटनास्थल पर ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए शिविर में किया जा रहा है। शिविर मेंं खंड स्वास्थ्य अधिकारी शाहपुर और उनकी टीम मौके पर ही मौजूद है। मस्तो देवी पत्नी भीमो राम का शव सोमवार सायं ही निकाल लिया था, जबकि भीमो राम अभी तक मलबे में ही है।
दोपहर बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले रुलेहड़ का हवाई दौरा किया और बाद में खुद ही घटनास्थल पर पहुंचे। मुख्यमंत्री प्रभावित परिवारों से भी मिले। उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने कहा, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी व उनका पुनर्वास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकान आपदा में क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें भी सरकार मकान बनाने के लिए हरसंभव सहयोग देगी। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल, सांसद किशन कपूर, विधायक विशाल नैहरिया, वूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर, जिला परिषद अध्यक्ष रमेश बराड़, उपायुक्त डा. निपुण ङ्क्षजदल व पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन उपस्थित रहे
यह था मामला
सोमवार सुबह जिला कांगड़ा में मूसलधार बारिश से रुलेहड़ गांव में भूस्खलन हुआ था और इसकी चपेट में आने से छह मकान दब गए थे और 15 लोग लापता हो गए थे। अभी तक पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है और वे डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा व पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती हैं। पांच लोगों की मलबे में दबने के मौत हो गई है व शेष मलबे में ही हैं।
छाती पर पत्थर गिरने से हुई थी मस्तो देवी की मौत
सोमवार देर सायं मलबे से निकाले गए मस्तो देवी के शव के पोस्टमार्टम के दौरान पाया गया है कि उसकी मौत छाती में पत्थर गिरने से हुई थी। उसकी एक टांग भी टूट गई थी।