तत्‍कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने किया था श्रीचामुंडा नंदिकेश्वर धाम के प्रतीक चिह्न का अनावरण, जानिए

Chamunda Temple Symbol श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर का प्रतीक चिन्ह जिसका अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने किया था। प्रतीक चिह्न का चयन भी श्री चामुंडा नंदिकेश्वर की छवि मानस में एक सिद्धवरदायी मोक्षदायी क्षेत्र के रूप में अंकित है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 08:53 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 08:55 AM (IST)
तत्‍कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने किया था श्रीचामुंडा नंदिकेश्वर धाम के प्रतीक चिह्न का अनावरण, जानिए
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर का प्रतीक चिन्ह जिसका अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने किया था।

योल, सुरेश कौशल। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर का प्रतीक चिन्ह जिसका अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने किया था। जुलाई 1995 में उन्‍होंने प्रतीक चिह्न का अनावरण किया था। प्रतीक चिह्न का चयन भी श्री चामुंडा नंदिकेश्वर की छवि मानस में एक सिद्धवरदायी मोक्षदायी क्षेत्र के रूप में अंकित है, क्योंकि शिव पार्वती दोनों ही लैंगिक देव हैं अतः मात्र शक्ति चामुंडा का परिचायक चिह्न अथवा चरण युगल तथा नंदिकेश्वर का लिंग रखा गया है। एम्लम्व यानी प्रतीक चिन्ह में धर्म को स्वर्ण, वृत अर्थ को हरित कणिशमजरी, काम का श्याम वृत एवं मोक्ष को दैव प्रतीक चिन्हों से प्रस्फुटित पीताभा दर्शाया गया है। इन्हीं चार सिद्धियों की प्राप्ति में मानव मात्र के जीवन की सार्थकता को उकेरा गया है। यह प्रतीक चिन्ह वर्तमान में भी चामुंडा के दोनों प्रवेशद्वार जो सेना की डोगरा रेजीमेंट ने बनाए हैं उकेरा गया है।

यही नहीं बल्कि श्री चामुंडा नंदिकेश्वर की सभी धार्मिक पुस्तकों में इस एम्वलम्व यानी प्रतीक चिन्ह का चित्रण किया गया है। इसको तैयार करने की प्रक्रिया ओंकार दीक्षित तथा पूर्व जिला भाषा अधिकारी सुखदेव शर्मा के सौजन्य से नलेटी के दुर्गा दत्त शास्त्री जो राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित थे उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई।

इसी तरह इस प्रतीक चिन्ह को अखिल भारतीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद तथा इसी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर अंशों चटर्जी और इसी संस्थान के ग्राफिक्स नारन भाई पटेल द्वारा अंतिम प्रारूप दिया गया था। इस उत्कृष्ट कृति को मौलिक आधार से मूर्त रूप देने में सहायक हुए। अत: इस प्रक्रिया में संयोजक का का कार्य करने के लिए पूर्व न्यासी डाक्टर कुलदीप शर्मा को प्राप्त हुआ। एम्लम्व का आलेख (शिव शक्ति) के सिद्धांत पर आधारित है।

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