पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर हुए कोरोना पॉजिटिव, आइजीएमसी में किए भर्ती

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। वे करीब 2 महीने बाद दोबारा संक्रमण से ग्रसित हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अप्रैल माह में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे इन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 01:49 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 01:49 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर हुए कोरोना पॉजिटिव, आइजीएमसी में किए भर्ती
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।

शिमला, राज्‍य ब्‍यूरो। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। वे करीब 2 महीने बाद दोबारा संक्रमण से ग्रसित हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अप्रैल माह में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे और इन्हें आगामी इलाज के लिए चंडीगढ़ के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इसके बाद

कोरोना से उबरने पर उन्हें शिमला लाया गया।

तबीयत लगातार खराब रहने पर उन्हें उनके निवास स्थान होली लॉज से आइजीएमसी शिफ्ट किया गया और वह वहां मौजूदा समय में उपचाराधीन है। उपचार के दौरान उनकी तबीयत खराब होने पर उनका कोरोनावायरस सैंपल लिया गया तो वह पॉजिटिव पाया गया है। इसके अलावा उन्हें पिछले 3 मार्च को कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ रजनीश पठानिया ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि एक बार फिर से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।

इम्युनिटी कम होने पर दोबारा हो सकते हैं संक्रमित

डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक ऐसी कोई स्टडी सामने नहीं आई है जिससे पता चल सके कि कोविड से उबर चुके लोग दोबारा संक्रमित नहीं हो सकते। संक्रमण के संपर्क में आने से पैदा हुई प्रतिरोधक क्षमता कितने समय तक बनी रहेगी, इस पर निर्भर करता है व्यक्ति दोबारा संक्रमित होगा या नहीं।

आमतौर पर कोरोनावायरस से ठीक होने के बाद शरीर में एंटीबॉडीज बन जाती है इस कारण संक्रमण दोबारा होने की आशंका बेहद कम हो जाती है। वहीं अगर अन्य बीमारियों के कारण शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण होने में समय लगता है तो इस अंतराल में व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो सकता है क्योंकि उस शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है।

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