जल संरक्षण के लिए वन विभाग ने उठाया बड़ा कदम, यहां बनेंगे बड़े तालाब

गहराते पानी के संकट से उबरने के लिए अब वन विभाग ने भी जल संरक्षण की ओर अपने कदमों को आगे बढ़ाया है। वन विभाग वनमंडल स्तर पर लाखों लीटर के तालाब बनाएगा जिससे भूजल तो ऊपर उठेगा ही साथ ही पानी खेती के भी काम आएगा।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:53 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:53 PM (IST)
जल संरक्षण के लिए वन विभाग ने उठाया बड़ा कदम, यहां बनेंगे बड़े तालाब
वन विभाग की बैठक में धर्मशाला में बड़े तालाब बनाने पर चर्चा की गई। जागरण आर्काइव

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। गहराते पानी के संकट से उबरने के लिए अब वन विभाग ने भी जल संरक्षण की ओर अपने कदमों को आगे बढ़ाया है। वन विभाग वनमंडल स्तर पर लाखों लीटर के तालाब बनाएगा, जिससे भूजल तो ऊपर उठेगा ही साथ ही यह पानी किसानों की खेती की ङ्क्षसचाई के भी काम आएगा। हरेक वनमंडल में पांच या पांच से ज्यादा तालाब बनने सुनिश्वित हैं। हालांकि किस वनमंडल कितने तालाब बनेंगे यह तो वन विभाग की ओर से शुरू किए गए स्थान ङ्क्षचहित किए जाने का आंकड़ा एकत्र होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी। लेकिन एक-एक तालाब ही 10 लाख लीटर से अधिक क्षमता का होगा, ताकि वर्षा का जल उसमें एकत्र हो सके, जिसे खेती सहित दूसरे अन्य कार्यों में उपयोग में लाया जा सके। स्थानों के चयन के लिए बकायदा वन वृत्त स्तर पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ज्योलॉजिस्ट, हाइड्रोलॉजिस्ट व विभागीय टीम सहित इंजीनियङ्क्षरग ङ्क्षवग के सदस्य दस्तक दे रहे हैं। यह सभी तालाब फोरेस्ट क्षेत्र में बनाएं जाएंगे।

इन्हें दिया प्रशिक्षण

वन वृत्त कार्यालय धर्मशाला में मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल की अध्यक्षता में मंगलवार को धर्मशाला में फारेस्ट गार्ड, डिप्टी रेंजर्स, रेंज ऑफिसर्स, एसीएफ और डीएफओ के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें यह जानकारी दी गई किस तरह से स्थान ङ्क्षचहित करने हैं और क्या एस्टीमेट बनाने हैं, तकनीकी पहलू क्या होंगे। योजना के तहत इन तालाबों का निर्माण हो जाता है तो बहुत सारे क्षेत्रों में जहां पानी की समस्या रहती है, उसका समाधान हो जाएगा।

हरेक वनमंडल में पांच या पांच से ज्यादा बड़े जल संरक्षण के लिए तालाब तैयार किए जाएंगे। इन तालाबों के लिए स्थान ङ्क्षचहित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ज्योलॉजिस्टर, हाइड्रोलॉजिस्टर, फॉरेस्ट की टीम, इंजीनियङ्क्षरग ङ्क्षवग के लोग विभिन्न स्थानों में दस्तक दे रहे हैं, जो जल्द इस संबंध में एस्टीमेट तैयार करेंगे।

-डीआर कौशल, मुख्य अरण्यपाल वन वृत्त धर्मशाला।

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