कोरोना संकट के बीच नहीं होगी हिमाचल में राशन सप्लाई की कमी, खाद्य एवं आपूर्ति निगम ने बनाया प्‍लान

कोरोना संकट में जब हर क्षेत्र में मंदी है प्रदेश खाद्य एवं आपूर्ति निगम ने स्वयं को घाटे में नहीं जाने दिया। निगम 1.18 करोड़ के मुनाफे में है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 08:37 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 08:37 AM (IST)
कोरोना संकट के बीच नहीं होगी हिमाचल में राशन सप्लाई की कमी, खाद्य एवं आपूर्ति निगम ने बनाया प्‍लान
कोरोना संकट के बीच नहीं होगी हिमाचल में राशन सप्लाई की कमी, खाद्य एवं आपूर्ति निगम ने बनाया प्‍लान

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। कोरोना संकट में जब हर क्षेत्र में मंदी है, प्रदेश खाद्य एवं आपूर्ति निगम ने स्वयं को घाटे में नहीं जाने दिया। निगम 1.18 करोड़ के मुनाफे में है। इस दौरान प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआइएस) से राशन आपूर्ति की निगरानी मोबाइल फोन से शुरू करवा दी। परिणाम है कि 117 गोदामों में आने-जाने वाले राशन का पूरा डाटा मोबाइल फोन पर उपलब्ध रहता है। एमआइएस ने निगम के हाथ ऐसा उपकरण दे दिया है, जिससे महीनों तक राशन की उपलब्धता का भी पता है। खाद्य एवं आपूर्ति निगम की प्रबंध निदेशक मानसी सहाय ठाकुर ने 'दैनिक जागरणÓ के संवाददाता को निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों और योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रस्तुत है इसके अंश।

कोरोना से हर जगह मंदी का दौर है। निगम की कार्यप्रणाली पर क्या असर हुआ?

कोरोना के कारण कार्य और व्यापार प्रभावित हुआ है। निगम को लाभ में रखने के लिए निगम के हर कर्मचारी ने बहुत मेहनत की है। इसी का परिणाम है कि खाद्य एवं आपूर्ति निगम 1.18 करोड़ के लाभ में है। निगम के लाभ को बढ़ाने के लिए निगम की कार्यप्रणाली को और विस्तार दिया जा रहा है।

लोगों को राशन उपलब्ध करवाने में क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ा?

हिमाचल में ही पीडीएस के तहत आटा, चावल, चीनी, दाल, तेल और नमक सस्ते दामों पर दिया जा रहा है। सारा सामान अन्य राज्यों से लाकर आपूर्ति होता है। ऐसे में हर दिन 250 से 300 फोन कॉल करने पड़ रहे थे। कई बार तो ऐसी नौबत आई कि सामान लेकर आ रहा ट्रक चालक पॉजिटिव आ गया और सब सील हो गया। प्रदेश में ही सामान उतारने के दौरान पुलिस ने पिटाई कर दी। इस संबंध में शिकायत भी की गई। ऐसे समय में आला अधिकारियों के संपर्क ने बड़ा काम किया। सभी उद्योग बंद थे। पैकेजिंग बड़ी समस्या थी। दालें खुली लाई गई, लेकिन तेल कैसे आए। इसके लिए दिल्ली में पैकेजिंग उद्योग को खुलवाया और पैकेट सप्लाई करने वाले को उपलब्ध करवाए।

इस संकट से सबक लेकर क्या ऐसा किया कि भविष्य में दिक्कत न आए?

प्रदेश की भंडारण क्षमता को बढ़ा दिया है, जो 61 हजार टन थी अब 91 हजार टन हो गई है। साथ ही एमआइएस को मजबूत किया गया। इससे अब प्रदेश के सभी 117 गोदामों में उपलब्ध राशन का डाटा मोबाइल फोन पर उपलब्ध होता है। गोदामों से राशन की आपूर्ति होने पर रसीद भी ऑनलाइन जारी होती है। इससे पता रहता है कि कौन-कौन सा सामान कितनी मात्रा में उपलब्ध है। अब बैठकों के लिए अधिकारियों को कार्यालयों में न बुलाकर जहां उपलब्ध वहीं से वीडियो कांफ्रेंस से बैठकें होती हैं। इससे समय की बचत होने के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों का कार्य के लिए अधिक समय मिल रहा है।

डिपो में समय पर राशन नहीं मिलता, इसका क्या कारण है? समस्या दूर कैसे होगी?

अगले दो माह के लिए पूरा राशन उपलब्ध है। राशन की कोई कमी नहीं है। जब अन्य राज्यों में राशन नहीं मिल रहा था ऐसे समय में भी राशन की किल्लत नहीं होने दी। खुले बाजार में भी राशन उपलब्ध करवाया। देश के अलग-अलग राज्यों से राशन लाया जाता है। टेंडर के बाद मंजूरी के लिए सरकार के पास जाता है और फिर सप्लाई होती है। अब राशन एडवांस लिया जा रहा है और किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है। लोगों को गुणवत्ता वाला राशन मिले इसके लिए सैंपलिंग की जा रही है और सैंपल फैल होने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

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