जिला परिषद व बीडीसी सदस्यों की वित्तीय शक्तियां बहाल, मं‍त्री व विधायकों की तरह कर सकेंगे घोषणाएं

Fiancial Powers Restoring 15वें वित्तायोग ने प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं के वित्तीय प्रावधान बहाल कर दिए हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sun, 09 Feb 2020 08:42 AM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 02:47 PM (IST)
जिला परिषद व बीडीसी सदस्यों की वित्तीय शक्तियां बहाल, मं‍त्री व विधायकों की तरह कर सकेंगे घोषणाएं
जिला परिषद व बीडीसी सदस्यों की वित्तीय शक्तियां बहाल, मं‍त्री व विधायकों की तरह कर सकेंगे घोषणाएं

शिमला, जेएनएन। पांच साल बाद जिला परिषद और ब्लॉक विकास समितियों के प्रतिनिधि मंत्रियों और विधायकों की तर्ज पर अपने क्षेत्रों में घोषणाएं कर सकेंगे। हर साल एक जिला परिषद सदस्य दस लाख रुपये से अधिक के विकास कार्य क्रियान्वित करवाने के हकदार होंगे। 15वें वित्तायोग ने प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं के वित्तीय प्रावधान बहाल कर दिए हैं।

वित्तायोग की अंतरिम रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष के लिए राजस्व घाटा अनुदान 45 फीसद बढ़ा दिया है। राजस्व घाटा अनुदान बढऩे से पंचायतीराज संस्थाओं के अलावा राज्य की खस्ताहाल वित्तीय स्थिति को भी संजीवनी मिलेगी। वित्तायोग से ग्रांट बढऩे से प्रदेश सरकार को राज्य आपदा राहत कोष, वनों का संरक्षण करने के बदले में कर आबंटन बढ़ा दिया है। एक और लाभ पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय आबंटन होगा। सरकारी कर्मचारियों के सामने वेतन का संकट भी खत्म हो गया है।

हर साल प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने पर राज्य में सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है। राज्य आपदा राहत कोष के तहत अब 40 फीसद वृद्धि के साथ हर वर्ष 250 करोड़ रुपये मिलेंगे। वनों का संरक्षण करने की एवज में मिलने वाला पैसा बढ़कर दस फीसद होगा। एक अनुमान के अनुसार राज्य में डेढ़ लाख करोड़ की वन संपदा आंकी है। पंचायतीराज संस्थाओं को मिलने वाले बजट का 50 फीसद सीधे पंचायतों को चला जाता था। जिला परिषद और बीडीसी का बंद पड़ा पैसा बहाल हुआ है।

जिला परिषद व बीडीसी

13वें वित्तायोग में जिला परिषदों को 50 फीसद, बीडीसी को 30 और पंचायतों को 20 फीसद धनराशि प्राप्त होती थी। केंद्र से मिलने वाली सहायता के दृष्टिगत जिला परिषद सदस्य दस लाख से 15 लाख रुपये अपने क्षेत्रों के विकास कार्यों पर खर्च करते थे। 2012 में कांग्रेस सरकार ने जिला परिषद व बीडीसी की वित्तीय शक्तियां बंद कर दी थीं। सड़क निर्माण, श्मशानघाट, महिला व युवक मंडल भवन निर्माण, सराय सहित डेढ़ दर्जन कार्यों के लिए जिला परिषद व बीडीसी पैसा दे सकते थे। 14वें वित्तायोग ने पंचायतों का बजट बढ़ाकर 50 फीसद कर दिया था, मगर जिला परिषद व बीडीसी को मिलने वाला बजट बंद कर दिया था। यह बजट विधायकों को दे दिया था।

कब कितना बजट

13वां वित्तायोग पंचायत, जिला परिषद, बीडीसी 20 फीसद, 50फीसद, 30फीसद

14वां वित्तायोग

पंचायत, जिला परिषद, बीडीसी 50फीसद, -, -

15वां वित्तायोग पंचायत, जिला परिषद, बीडीसी 50 फीसद, 20 फीसद, 30 फीसद

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