Tokyo Olympic: पिता ने ट्रक चलाकर पढ़ाया वरुण, आज देश को दिलाया पदक, डलहौजी में जश्न का माहौल
Hockey Player Varun हिमाचल प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार चंबा के लाल ने आज दुनिया में देश का नाम रोशन कर दिया है। वरुण के पिता पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं जो पंजाब के मिट्ठापुर गांव में ट्रक चलाकर परिवार का जीवन यापन करते हैं।
डलहौजी, विशाल सेखड़ी। Hockey Player Varun, हिमाचल प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार चंबा के लाल ने आज दुनिया में देश का नाम रोशन कर दिया है। डलहौजी उपमंडल के सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले वरुण के पिता पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं, जो पंजाब के मिट्ठापुर गांव में ट्रक चलाकर परिवार का जीवन यापन करते हैं। वरुण ने डीएवी स्कूल में पढाई की है। 25 जुलाई 1995 को जन्मे वरुण कुमार डलहौजी उपमंडल की ओसल पंचायत के रहने वाले हैं। पंजाब के जालंधर में शिक्षा ग्रहण कने के उपरांत वरुण वर्तमान में भारत पेट्रोलियम कंपनी नोएडा में सेवाएं दे रहे हैं। पिता ब्रहमानंद भी नौकरी के सिलसिले में जालंधर में ही रह रहे हैं।
वरुण की इस उपलब्धि से उसके स्वजनों में खुशी का माहौल है। दैनिक जागरण की ओर से जब वरुण के पिता से फ़ोन पर जालंधर में संपर्क किया गया तो वह काफी उत्साहित प्रतीत हुए। वरुण के पिता ब्रह्मनंद ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि बेटे ने नाम रोशन कर दिया और जीवन सफल हो गया। उन्होंने डलहौज़ी उपमंडल के लोगों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज पूरा मीडिया घर पहुंचा है और ज्यादा देर फ़ोन पर बात नहीं कर पाऊंगा। ब्रह्मनंद ने कहा वरुण की जड़ें हिमाचल से जुड़ी हैं और वह पंजाब का भी हीरा है।
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम का हिस्सा रहे। भारतीय हाकी टीम ने कांस्य पदक के लिए हुए मैच में जर्मनी को धूूल चटा दी। भारतीय हाकी टीम ने 41 साल बाद ओलिंपिक में पदक जीता है। हिमाचल का वरुण भी इस टीम का हिस्सा था, इससे हर प्रदेशवासी गदगद है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने सदन को वरुण कुमार के संबंध में जानकारी दी। इसके बाद सदन ने वरुण कुमार को बधाई दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नेे कहा वरुण को तय मानदंड के अनुसार सम्मानित किया जाएगा व इनामी राशि भी दी जाएगी।