बेटी के कपड़े देखकर भावुक हो उठा पिता, ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में लापता विनीता का नहीं मिला कोई सुराग

काश बेटी का शव ही मिल पता अब आखिरी निशानी के तौर इन कपड़ों को गाजियाबाद ले जाया जाएगा। कुल्लू जिला के मणिकर्ण घाटी के ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में चार लोग बह गए जिसमें गाजियाबाद की रहने वाली युवति विनीता भी इसमें बह गई।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:32 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:32 PM (IST)
बेटी के कपड़े देखकर भावुक हो उठा पिता, ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में लापता विनीता का नहीं मिला कोई सुराग
विनीता के कपड़े देखकर विनोद डागर भावुक हो गए।

दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। विनीता उर्फ विन्नी के पकड़े देख पिता विनोद डागर भावुक हो गए। काश बेटी का शव ही मिल पता, अब आखिरी निशानी के तौर इन कपड़ों को गाजियाबाद ले जाया जाएगा। कुल्लू जिला के मणिकर्ण घाटी के ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में चार लोग बह गए जिसमें गाजियाबाद की रहने वाली युवति विनीता भी इसमें बह गई। वीरवार को परिजन कुल्लू पहुंचे और इसके बाद ब्रह्मगंगा गए जहां पर बेटी बह गई थी।

यहां पर परिजनों ने दिन भर नदी नाले के दोनों छोर पर बेटी की तलाश की लेकिन शशाम तक कोई सुराग नहीं लग पाया। थक हार कर पिता मायुस हुआ और सुबह तड़के बेटी की तलाश में निकल पड़ा। सुबह बेटी के कुछ पहनने के पकड़े पिता को मिले और अनको बार बार देखकर पिता भवुक हो गया। रोते हुए पिता विनोद डागर ने कहा कि अब विनीता की याद में इन्हीं पकड़ों को गाजियाबाद ले जाया जाएगा। हालांकि गाजियाबाद मेंं परिजनों को अभी तक यकीन ही नहीं है कि विनीता नहीं मिल रही है। इसलिए परिजन कुल्लू आए हैं। इसमें विनीता के पिता विनोद डागर, मामा विकास चौधरी, विनीता के जीजा देवेंद्र सिंह, और डा. कृष्ण पाल सिंह आए हैं।

आज भी दिन भर चलता रहे सर्च अभियान

ब्रह्मगंगा में बह गए चारों के परिजनों रिशतेदार अपनों की तलाश में तीन दिन से कभी नदी किनारे तो नाले के छोर पर उनकी तलाश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी का भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। मणिकर्ण घाटी में ब्रह्मगंगा नाले का पानी आगे चलकर पार्वती नदी में मिलता है और इसके बाद ब्यास नदी में समा जाता है। ऐसे में नदी में इनकी शव को खोजना इतना आसान नहीं होगा। पार्वती नदी में कई महीने के बाद भी शव उगले है जो नदी किनारे मिल रहे हैं।

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