Fatehpur By Election: फतेहपुर की जनता को याद आए नलकूप, 45 टयूबवेल स्थापित करने की हुई थी घोषणा
Fatehpur By Election फतेहपुर उपचुनाव में लोगों के बीच नलकूप का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। वहीं मिनी सचिवालय व अनाज मंडी के मुद्दे पर भी स्थानीय स्तर पर चर्चा हो रही है। जयराम ठाकुर प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर प्रदेश में उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं
धर्मशाला, नीरज व्यास। Fatehpur By Election, फतेहपुर उपचुनाव में लोगों के बीच नलकूप का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। वहीं मिनी सचिवालय व अनाज मंडी के मुद्दे पर भी स्थानीय स्तर पर चर्चा हो रही है। जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर प्रदेश में उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं और भाजपा प्रचार भी विकास का ही कर रही है। लेकिन भाजपा को फतेहपुर में विपक्षी पार्टी का विधायक होने का नुकसान हो रहा है। उस गति से काम हुए नहीं हैं, जिस गति से होने चाहिए थे।
कांग्रेस के विधायक सुजान सिंह पठानिया के देहांत के बाद उपचुनाव हो रहे हैं और उनके बेटे भवानी पठानिया को पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं भाजपा से दो बार चुनाव लड़ चुके बलदेव ठाकुर चुनावी मैदान में भाजपा की तरफ से उतरे हैं, जबकि भाजपा सरकार में मंत्री रहे डाक्टर राजन सुशांत भी मैदान में हैं। अभी तक जानकार मान रहे हैं कि मुकाबला तिकोना होगा। लेकिन जो मुद्दे जनता में चर्चा का विषय बने हैं वह भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री धूमल ने की थी 45 नलकूप की घोषणा
फतेहपुर क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए उस समय के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2009 में 45 नलकूप स्थापित करवाने की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा पूरी हुई नहीं। भाजपा सरकार चले जाने के बाद कांग्रेस की सरकार आई, कांग्रेस के वक्त भी कोई बड़ा काम नहीं हुआ और नलकूप स्थापित नहीं हुए। फिर जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार काबिज हुई पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। यह नलकूप इन दिनों लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
मिनी सचिवालय के नाम पर सिर्फ शिलान्यास
लोगों को अभी तक मिनी सचिवालय की सुविधा नहीं मिल सकी है। लोगों को सचिवालय के लिए तरसना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो साल पहले मिनी सचिवालय का शिलान्यास किया है। लेकिन अभी तक काम शुरू न हो सका है। लोगों में बजट न होने को लेकर चर्चा है। इसी तरह से अनाज मंडी शुरू न हो पाने के कारण लोगों में रोष है। स्थानीय मुद्दों व समस्याओं को लेकर लोगों में वर्तमान सरकार के खिलाफ रोष है।