Fatehpur By Election: यहां प्रत्याशी चयन में सामान्य वर्ग को ही दी तरजीह, देखिए फतेहपुर के आंकड़े

Fatehpur By Election 2012 के चुनाव के दौरान अस्तित्व में आए विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर में कांग्रेस व भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर जातीय समीकरणों में आज दिन तक बदलाव नहीं हुआ है। मतदाताओं को मद्देनजर रखते हुए दोनों पार्टियां सामान्य वर्ग के नेताओं को ही टिकट थमाती आई हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 06:25 AM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 07:44 AM (IST)
Fatehpur By Election: यहां प्रत्याशी चयन में सामान्य वर्ग को ही दी तरजीह, देखिए फतेहपुर के आंकड़े
फतेहपुर में कांग्रेस व भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर जातीय समीकरणों में आज दिन तक बदलाव नहीं हुआ है।

धर्मशाला, दिनेश कटोच। Fatehpur By Election, वर्ष 2012 के चुनाव के दौरान अस्तित्व में आए विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर में कांग्रेस व भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर जातीय समीकरणों में आज दिन तक बदलाव नहीं हुआ है। हलके में मतदाताओं की दृष्टि को मद्देनजर रखते हुए दोनों पार्टियां सामान्य वर्ग के नेताओं को ही पार्टी टिकट थमाती आई हैं। इसका मुख्य कारण विस क्षेत्र में सामान्य वर्ग के मतदाताओं की बहुलता है। फतेहपुर में सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों के सहारे ही भाजपा व कांग्रेस आगे रही है। दोनों ही दलों ने हमेशा से ही राजपूत व ब्राह्मण नेताओं पर अपना दांव खेला है और इन दोनों समुदायों से नेता चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं।

पुनर्सीमांकन के बाद वर्ष 2012 में फतेहपुर नया विधानसभा क्षेत्र बना था। नए विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने राजपूत प्रत्याशी के रूप में सुजान सिंह पठानिया को ही चुनाव मैदान में उतारा था। तबसे लेकर वर्ष 2017 तक सुजान सिंह पठानिया ही यहां से विधायक रहे।  2012 से पहले यह विधानसभा क्षेत्र जवाली के रूप में भी जाना जाता था और तब भी सामान्य वर्ग से ही नेताओं को टिकट मिली और वे जीते भी।

वर्ष 2009 में डा. राजन सुशांत की ओर से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने ओबीसी वर्ग से बलदेव चौधरी को मैदान में उतारा था, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर पाए थे। इसके बाद फतेहपुर विधानसभा के हुए चुनाव में कांग्रेस व भाजपा ने राजपूतों नेताओं को टिकट दी। इस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 से 2017 तक चुनाव परिणाम व दिए गए टिकटों की स्थिति को देखें तो कांग्रेस व भाजपा दोनों ही ओर से राजपूत नेता ही चुनाव मैदान में रहे हैं और उपचुनाव को लेकर दोनों ही दलों द्वारा राजपूत वर्ग से संबंधित ही नेताओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारने के लिए रणनीति पर काम किया जा रहा है।

चार बार सुशांत व तीन दफा सुशांत रहे चुके हैं विधायक

फतेहपुर से पहले जवाली विधानसभा अब वर्तमान में फतेहपुर विस क्षेत्र में सुजान सिंह पठानिया व डा. राजन सुंशात के बीच मुकाबला हो चुका है। पुनर्सीमांकन से पहले जवाली विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस व भाजपा ने राजपूत व ब्राह्मण नेताओं को ही प्रत्याशी बनाया था। इन दोनों ही नेताओं के बीच सात चुनाव हुए जिनमें चार बार राजन सुशांत व तीन बार सुजान पठानिया ने जीत हासिल की। भाजपा से दूर हुए राजन सुशांत के बाद भाजपा ने राजपूत नेताओं पर ही दाव खेला था, लेकिन अभी तक जीत हासिल नहीं हो सकी है।

मतदाताओं की जातीय स्थिति राजपूत - 39,000 ब्राह्मण - 12,000 अन्य पिछड़ा वर्ग - 14,000 अनुसूचित वर्ग   20,000 

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