बरसीम की बिजाई के लिए उपयुक्त समय
संवाद सहयोगी पालमपुर चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विज्ञानियों का कहना है कि घासनियों से घास काटने के लिए उपयुक्त समय है। इस समय काटी गई घास पौष्टिकता की दृष्टि से उत्तम होती है। चारे के लिए बरसीम या जई की बिजाई भी की जा सकती है।
संवाद सहयोगी, पालमपुर : चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विज्ञानियों का कहना है कि घासनियों से घास काटने के लिए उपयुक्त समय है। इस समय काटी गई घास पौष्टिकता की दृष्टि से उत्तम होती है। चारे के लिए बरसीम या जई की बिजाई भी की जा सकती है। बरसीम में गोभी सरसों मिलाकर बिजाई करें। चारे की कमी के दिनों के लिए मक्की से साइलेज भी बनाया जा सकता है। पशुओं के छोटे बच्चों को जन्म के आठ से 10 दिन बाद सींगरहित करवाएं। साथ ही उन्हें पेट के कीड़े मारने की दवा स्थानीय पशु चिकित्सक से परामर्श करने के बाद पिलाते रहें। पशुओं में यदि बाह्य परजीवियों की समस्या हो तो तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें।
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फूलगोभी की करें रोपाई
निचले पर्वतीय क्षेत्रों के किसान फूलगोभी की मध्य मौसम की किस्मों पालम उपहार, इम्प्रूवड जापानीज, संकर मेघा, संकर वर्खा व संकर व्हाइट की तैयार पौध की रोपाई करें। रोपाई से पहले 250 क्विंटल गोबर की गली-सड़ी खाद के अलावा 235 किलोग्राम इफ्को मिश्रण खाद, 54 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश व 105 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें। इन्हीं क्षेत्रों में फूलगोभी की पिछेती किस्म पीएसबी-1, पीएसबीके.-1, पीएसबीके-25, पूसा सुभ्रा तथा संकर शवेता, संकर, महारानी, लक्की, व्हाईट गोल्ड की पनीरी की रोपाई भी की जा सकती है। पनीरी लगाने के लिए तीन मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी तथा 10-15 सेंटीमीटर ऊंची क्यारी में 25-30 किलो गली-सड़ी गोबर की खाद व 200 ग्राम इफ्को खाद जरूर डालें। मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में मटर की अगेती किस्मों पालम त्रिलोकी, अरकल, वीएल-7 तथा मटर अगेता-6 की बिजाई करें।
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धान को हिस्पा कीट से बचाने के लिए करें स्प्रे
धान की फसल में हिस्पा कीट के नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरिफोस 20 ईसी (2.5 मिली प्रति लीटर पानी) के घोल का छिड़काव करें। बैंगन में तना एवं फलछदेक सुंडियों तथा करेला में हड्डा बीटल (कंघी) के नियंत्रण के लिए कार्बेरिल 50 डब्ल्यूपी का छिड़काव करें।