जाच्छ में किसानों को दी सब्जी उत्पादन की जानकारी

क्षेत्रीय बागवानी अनुसन्धान एंव प्रशिक्षण केंद्र जाच्छ (नूरपुर) द्वारा शाहनहर परियोजना के अंतर्गत अलग-अलग स्थानों पर फील्ड-डे मनाए जा रहे है। जिसमें किसानों को सब्जी उत्पादन की जानकारी दी जा रही है। किसानों को सब्जियों को लगने वाली बीमारियों की रोकथाम बारे बताया जा रहा है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:16 PM (IST)
जाच्छ में किसानों को दी सब्जी उत्पादन की जानकारी
किसानों को सब्जी उत्पादन की जानकारी दी जा रही है।

नूरपुर, संवाद सहयोगी। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केंद्र जाच्छ (नूरपुर) द्वारा शाहनहर परियोजना के अंतर्गत अलग-अलग स्थानों पर फील्ड-डे मनाए जा रहे है। जिसमें किसानों को सब्जी उत्पादन की जानकारी दी जा रही है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत किसानों को उन्नत सब्जी की पैदावार की खेती के बारे में जानकारी दी जा रही है और सब्जियों को लगने वाली बीमारियों की रोकथाम बारे बताया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस दौरान किसानों की सब्जी उत्पादन में प्रयोग होने वाली उन्नत तकनीकों आदि की विस्तार से जानकारी दी गई साथ ही इसके सबंधित समस्याओं को भी सुना गया और उनका मौके पर ही समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पारंपारिक खेती करना सबसे फायदेमंद है। पूर्व राज्यपाल हिमाचल प्रदेश आचार्य देवव्रत ने शून्य लागत खेती की पैरवी की थी। जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी जैविक खेती को बढ़ावा दिया है।

इसके चलते सरकार ने अब खेती में कम खाद डालकर एवं कम लागत से अधिक से अधिक मुनाफा करने की बात कही है। वहीं सब्जी उत्पादन सबसे ही ज्यादा फायदेमंद सौदा है, क्योंकि आजकल सब्जियों के अच्छे दाम मिल जाते हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर घरों से ही सब्जी खरीद ली जाती है। उन्होंने बताया कि उनके साथ कीट वैज्ञानिक डॉ विश्व गौरव चंदेल भी मौजूद रहे उन्होंने किसानों वैज्ञानिक तरीके से सब्जी उत्पादन व उसके रखरखाव में कीट प्रबंधन बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने तीन फील्ड- डे मनाए है जोकि ठाकुरद्वारा,बसंतपुर व बडुखर में लगाए है । वहीं क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केंद्र के सह निदेशक डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि फील्ड डे कार्यक्रम के तहत क्षेत्र में पांच कार्यक्रम होंगे जिसमे से तीन हो चुके है और दो कार्यक्रम होना शेष है। उन्होंने बताया कि इसके तहत फील्ड में जाकर लोगों को सब्जी उत्पादन की उन्नत तकनीक की जानकारी व सब्जियों की बीमारियों की रोकथाम बारे जानकारी दी जा रही है।

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