भरवाईं में मक्की की फसल पर फॉल आर्मीवर्म बीमारी ने किया हमला

इन दिनों मक्की की फसल को रोग ने घेर लिया है। खेतों में बीमारी से फसल को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं ऊना जिले में 31हजार हेक्टर में मक्की की फसल की बिजाई की गई है।मक्की को फसल को लगने वाले रोग का नाम फॉल आर्मीवर्म है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 12:28 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jun 2021 12:28 PM (IST)
भरवाईं में मक्की की फसल पर फॉल आर्मीवर्म बीमारी ने किया हमला
मक्की की फसल को लगने वाले रोग का नाम फॉल आर्मीवर्म है।

संजीव ठाकुर भरवाईं। इन दिनों मक्की की फसल को रोग ने घेर लिया है। खेतों में बीमारी से फसल को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं ऊना जिले में 31हजार हेक्टर में मक्की की फसल की बिजाई की गई है। मक्की की फसल को लगने वाले रोग का नाम फॉल आर्मीवर्म है। इस बीमारी में एक किट अपने आप अपनी संख्या में वृद्धि कर लाखों की मात्रा में अपनी संख्या बढ़ा कर पूरी फसल को चट कर जाते हैं।

इस बीमारी में शुरूआत में मक्की के पौधों के पत्तों में छेद पड़ना शुरू हो जाते हैं और धीरे-धीरे सारे पत्ते खत्म होते हुए यह रोग मक्की के तने तक को खत्म कर देता है। वही इस रोग की रोकथाम समय पर न की जाए तो यह किट हजारों हेक्टर में तबाही मचा सकता है। वही चिंतपूर्णी क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में भी इस फॉल आर्मीवर्म बीमारी ने अपने पांव पसार दिए हैं।जिससे धार क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है।

वहीं बारिश भी अभी इतनी नहीं हो रही जिससे फसल मुरझा गई है दूसरा कीट रोग ने फसल पर धाबा बोल दिया है।गौरतलब है की यह रोग पिछले साल भी अपना रंग दिखा चुका है जिससे इस रोग से काफी फसल को प्रभावित किया था। वही इस बार भी इस रोग ने अपने पांव पसार लिए है। क्षेत्र के किसान अशोक कुमार,दलजीत सिंह,कीकर सिंह,कुलतार सिंह,होशियार सिंह,अजय कुमार,मलकीत सिंह,शमशेर सिंह,दीपक राजपूत आदि ने

कैसे करें इस रोग से देखभाल

ऊना एग्रीकल्चर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अतुल डोगरा ने बताया की इस रोग से बचने के लिए किसानों को कोराजेन दवाई जो की हर लाइसेंस धारी केमिकल डीलर की दुकानों में आराम से मिल जाती है उसका स्प्रे करना चाहिए।इस दवाई को 10 लीटर पानी में 3 एमएल की मात्रा में डालकर स्प्रे करना चाहिए।एक हेक्टेयर में 500 लीटर स्प्रे करनी चाहिए। वही इमामेक्टिन बेंजोएट को भी 10 लीटर पानी में चार ग्राम डाल कर स्प्रे करने से इस कीट से निजात मिल सकती है। वही किसान एक स्प्रे करने के बाद 15 दिन के बाद चेक करे की कीट मर गए अन्यथा दोबारा स्प्रे करें।वही किसान मक्की की जगह पर उस खेत में धान की फसल की बिजाई करके भी इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं।

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