पंचेन लामा की रिहाई के लिए निवार्सित तिब्बत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उठाई मांग, 26 साल पहले आज के दिन हुए थे अगवा
Panchen Lama निवार्सित तिब्बत सरकार ने 11वें पंचेन लामा की रिहाई व कुशल क्षेम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार पर दबाव बनाए जाने की मांग उठाई है। 11वें पंचेन लामा गेधून छियोकी नियमा तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं। वह सबसे कम उम्र के राजनीति बंदी हैं।
धर्मशाला, दिनेश कटोच। Panchen Lama, निवार्सित तिब्बत सरकार ने 11वें पंचेन लामा की रिहाई व कुशल क्षेम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार पर दबाव बनाए जाने की मांग उठाई है। 11वें पंचेन लामा गेधून छियोकी नियमा तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं। वह सबसे कम उम्र के राजनीति बंदी हैं। छह वर्ष की उम्र में उन्हें दलाई लामा की ओर से उन्हें 11वें पंचेन लामा के तौर पहचान दी गई थी। 25 अप्रैल 1989 को उनका जन्म हुआ था। छह वर्ष की आयु में दलाई लामा द्वारा 14 मई 1995 को उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की गई। लेकिन इसके तीन दिन बाद ही चीन सरकार ने 17 मई 1995 को उनका अपहरण कर लिया।
उनके अपहरण को अब 26 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। निर्वासित तिब्बत सरकार समय-समय पर चीन सरकार से उनकी रिहाई या फिर उनके सकुशल होन को लेकर अपनी आवाज को भी उठाती रही है। पिछले 26 साल से निर्वासित तिब्बत सरकार चीन से 11वें पंचेन लामा गेधून छयूकी नियमा की रिहाई की मांग कर रही है। रिहाई तो दूर, वह कहां हैं? किस हालात में है? इसकी भी जानकारी चीन ने नहीं दी है। इतने वर्ष के बाद भी निर्वासित तिब्बत सरकार के लिए नियमा पहेली बने हैं।
क्या है पंचेन लामा और दलाई लामा
पंचेन लामा भी तिब्बतियों के धर्मगुरु है। जिनकी पहचान दलाई लामा द्वारा की जाती है। बौद्ध धर्म में पंचेन लामा अवतार की भूमिका बड़ी अहम है। पंचेन लामा का शाब्दिक अर्थ पंडित अर्थात महान विद्वान है। बौद्ध धर्म में पंचेन लामा को दूसरा बड़ा धर्मगुरु माना गया है। पंचेन लामा के अवतार का सूत्रपात भी पांचवें दलाईलामा ने अपने कार्यकाल के दौरान 1385 में किया था। पांचवें दलाईलामा ने अपने गुरु को इस उपाधि से अलंकृत कर ताशीहुंपो बौद्ध मठ का स्वामित्व सौंपा था। इसके बाद से पंचेन लामा के अवतार की नई परंपरा शुरू हुई थी। दलाई लामा के अवतार में पंचेन लामा व पंचेन लामा के अवतार में दलाई लामा की भूमिका ही प्रमुख रहती है। दोनों की भूमिका गुरु और चेले के रूप में बदलती रहती है।
यही वजह है कि जैसे ही दलाई लामा ने पंचेन लामा को मान्यता प्रदान की चीन ने गेधून छियोकी नियमा को परिवार सहित ही गायब कर दिया। वहीं चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की है, जिससे भविष्य में जब भी नए दलाई लामा को मान्यता का सवाल आए तो वह अपनी पसंद के दलाई लामा तिब्बतियों पर थोप सके।
चीन सरकार बताए कहां और किस हाल में हैं पंचेन लामा
उपसभापति निर्वासित तिब्बत संसद आचार्य यशी का कहना है चीन सरकार बताए कि पंचेन लामा कहां पर और किस स्थिति में हैं। उनके अपहरण को 26 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई भी जानकारी चीन सरकार द्वारा नहीं दी गई है। एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह मांग है कि उनके बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए वह चीन सरकार पर दबाव बनाए।