भाजपा की परीक्षा, कांग्रेस का इम्तिहान

मुनीष दीक्षित पालमपुर नगर निगम पालमपुर का चुनाव भाजपा के लिए परीक्षा से कम नहीं है। कांग्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 03:00 AM (IST)
भाजपा की परीक्षा, कांग्रेस का इम्तिहान
भाजपा की परीक्षा, कांग्रेस का इम्तिहान

मुनीष दीक्षित, पालमपुर

नगर निगम पालमपुर का चुनाव भाजपा के लिए परीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेस भी इस चुनाव के जरिये अपने वजूद को कायम रखने की जंग लड़ रही है। पालमपुर को नगर निगम का दर्जा देने के सहारे भाजपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इस सीट को जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है। ऐसे में एक साल पहले नगर निगम का होने जा रहा यह चुनाव भाजपा के लिए परीक्षा से कम नहीं है। इसी चुनाव के बहाने जनता का नगर निगम के प्रति नजरिया भी सामने आएगा।

निगम चुनाव के बहाने सबसे बड़ी परीक्षा यहां के नेताओं की भी होने जा रही है क्योंकि कुछ नेताओं के आग्रह पर ही सरकार ने पालमपुर को नगर निगम की सूची में शामिल किया था और इससे भाजपा को विधानसभा चुनाव में लाभ मिलने के प्रति भी आश्वस्त किया जा चुका है। पालमपुर पहले नगर परिषद था तथा परिषद में सत्ता की चाबी अधिकतर समय कांग्रेस के हाथ में ही रही है। कांग्रेस भी इस चाबी के जरिये विधानसभा चुनाव में लाभ लेती रही है। भाजपा हमेशा ही अपनी हार को लेकर नगर परिषद के छोटे से दायरे को जिम्मेदार बताती थी लेकिन इस बार नगर निगम के चुनाव में एक बड़ा क्षेत्र चुनावी मैदान बन चुका है। 15 वार्डों वाले इस निगम में इस बार 33290 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। ऐसे में कांग्रेस 2022 की जंग से पहले नगर परिषद की तर्ज पर नगर निगम के ताज को भी अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है। भाजपा की तरफ से परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर सहित पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती, महामंत्री त्रिलोक कपूर, रविद्र रवि, महेंद्र सिंह धर्माणी सहित कई विधायक व पूर्व विधायक मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं सोमवार को असम चुनाव प्रचार से राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी भी सीधे पालमपुर पहुंचकर प्रचार में जुट गईं। भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जनता तक अपना संदेश सोमवार को पहुंचाया है। कांग्रेस की तरफ विधायक आशा कुमारी, आशीष बुटेल व पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने मोर्चा संभाला है। भाजपा यहां कुछ सीटों पर पूरी तरह से आश्वस्त है लेकिन आईमा, बिद्रावन, लोहना व राजपुर में भाजपा के ही बड़े चेहरों की बगावत कहीं न कहीं सत्तारूढ़ संगठन के गणित को प्रभावित जरूर कर रही है। कांग्रेस भी वार्ड तीन सहित कुछ वार्डों में बगावत का दंश झेल रही है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के सहारे पहाड़ की राजनीति में दस्तक देने की संभावना तो तलाश रही है, मगर चुनाव फिलहाल भाजपा व कांग्रेस के बीच ही सीधी लड़ाई माना जा रहा है। चुनाव में 15 वार्डों में कुल 64 उम्मीदवार हैं। अब देखना है कि सात अप्रैल को इनमें से कौन सफल हो पाता है और निगम की सत्ता की चाबी किसके हाथ में आती है।

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