स्वर्णिम वाटिका में मिटाएं चंडीगढ़-शिमला फोरलेन पर सफर की थकान, जानिए क्यों खास हैं ये वाटिकाएं
Chandigarh Shimla Forelane पहाड़ों के बीच बन रहे चंडीगढ़-शिमला फोरलेन में यात्रियों की हर सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। इस आकर्षक फोरलेन के किनारे स्वर्णिम वाटिकाएं बनाई जा रही हैं। यहां बैठकर सैलानी अपनी थकान मिटाने के साथ प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकेंगे।
सोलन, विनोद कुमार। पहाड़ों के बीच बन रहे चंडीगढ़-शिमला फोरलेन में यात्रियों की हर सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। इस आकर्षक फोरलेन के किनारे स्वर्णिम वाटिकाएं बनाई जा रही हैं। यहां बैठकर सैलानी अपनी थकान मिटाने के साथ प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकेंगे। खासकर गर्मियों में ये वाटिकाएं सफर की थकान दूर करने में बेहद उपयोगी होंगी। वन विभाग ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के साथ कार्य शुरू कर दिया है। पहले चरण में परवाणू से सोलन के बीच तीन वाटिकाएं बनाई जा रही हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रति वाटिका दो लाख रुपये का बजट भी जारी कर दिया है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बजट कम होने पर जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा। इनमें दो वाटिकाओं का निर्माण दत्यार और एक का निर्माण सोलन के निकट शमलेच में किया जा रहा है। दत्यार में एक वाटिका का निर्माण एनएचएआइ की ओर से किया जा रहा है। शेष दो का कार्य वन विभाग कर रहा है। यहां भूमि को समतल करने के साथ फेंसिंग का काम पूरा हो गया है। वाटिकाओं की देखरेख का जिम्मा भी वन विभाग के पास रहेगा। विभाग की योजना है कि फोरलेन के किनारे सात डंङ्क्षपग साइट को विकसित किया जाएगा।
क्या होगा इन वाटिकाओं में
इन वाटिकाओं में बैठने के लिए बैंच लगाए जाएंगे। विभिन्न प्रजातियों के पौधे और फूल लगाए जाएंगे। प्रवेशद्वार भी बनाया जाएगा। वाटिकाओं के रखरखाव के लिए कर्मी भी रखे जाएंगे। वन विभाग की योजना है कि बाद में वाटिकाओं में कैफे भी खोल जाएंगे। वन विभाग सोलन के डीएफओ नीरज चड्डा ने बताया कि जल्द ही ये वाटिकाएं लोगों को समर्पित की जाएंगी।