पानी की कमी वाले क्षेत्रों में करें वैकल्पिक व्यवस्था
सांसद किशन कपूर ने अधिकारियों को गर्मियों में सूखे और पेयजल की सम
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : सांसद किशन कपूर ने अधिकारियों को गर्मियों में सूखे और पेयजल की समस्या से निपटने के लिए समस्याग्रस्त क्षेत्रों में बिना देर पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। वह सोमवार को धर्मशाला में जल शक्ति विभाग कांगड़ा व चंबा के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से बैठक कर रहे थे। उन्होंने सिचाई और पेयजल योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली और सूखा संभावित क्षेत्रों में निर्बाध जलापूर्ति के लिए समय रहते सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्षा की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी संभव उपाय किए जाने चाहिए। जल स्रोतों के जीर्णोद्धार पर विशेष बल देने और लोगों को पानी का अनुकूल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल लगाने एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए अधिकारी अहम भूमिका निभाएं। अधिकारियों को विभाग के सभी जल भंडारण एवं वितरण टैंकों की साफ-सफाई की उचित व्यवस्था के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि विभाग लोगों को अपने घरों एवं निजी स्थलों पर रखी पानी की टंकियों को समय-समय पर साफ करने को कहें। गर्मियों के मौसम में कई बार बारिश की कमी के कारण सूखे जैसे हालात बन जाते हैं और इस स्थिति से निपटने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारी पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें।
इस मौसम में पेयजल की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। विशेषतौर पर पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए आपूर्ति व्यवस्था और सुदृढ़ करें। प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों, हैंडपंप एवं बोरवेल इत्यादि को क्रियाशील करने की दिशा में भी कार्य करें। प्राकृतिक जलस्त्रोतों के पानी की गुणवत्ता जांच करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेशन का कार्य पूरा किया जाए।
उन्होंने पानी की बर्बादी को रोकने, सूखा प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने, भूजल स्तर, हैंडपंपों की मांग, हैंडपंपों के लिए बजट आवंटित करने, पंचायतों से हैंडपंपों की मांग और विशेष रूप से चंगर क्षेत्रों में हैंडपंप स्थापित करने, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी के आवंटन के लिए टैंकरों की व्यवस्था करने, विभाग के पास अच्छी मशीनरी व उपकरणों का होना, पानी के रिसाव की पहचाने करने के लिए उपमंडल स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने, उपमंडल स्तर पर एक वाट्सएप नंबर शुरू करने के सुझाव दिए। इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति व विभाग के मुख्य अभियंता सुनील कलोत्रा के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।