कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की दोटूक, अनुबंध प्रथा के तहत हाई कोर्ट के फैसले जल्द लागू हों

Employees Union Demand हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा लोगों के हक को छीनकर राजनीतिक दल खुशी न मनाएं। जनता को प्रताड़ित कर आज तक कोई भी देश विकसित नहीं हुआ। पेंशन से वंचित से लेकर करुणामूलक आश्रित परिवारों तक आज सभी सड़क पर हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 11:56 AM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 11:56 AM (IST)
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की दोटूक, अनुबंध प्रथा के तहत हाई कोर्ट के फैसले जल्द लागू हों
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

पालमपुर, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा लोगों के हक को छीनकर राजनीतिक दल खुशी न मनाएं। जनता को प्रताड़ित कर आज तक कोई भी देश विकसित नहीं हुआ। पेंशन से वंचित लोगों से लेकर करुणामूलक आश्रित परिवारों तक आज सभी सड़क पर हैं। करुणामूलक आश्रित परिवारों को अपने पिता,अपने पति का सरकारी कर्मचारी होते हुए भी 15 वर्षों बाद करुणा का हक नहीं मिला है। करुणामूल्क आश्रित परिवारों के बच्चे बेरोजगारी की मार सहते सहते अधेड़ उम्र में पहुंच गए हैं। लेकिन सरकार की करुणा आज तक नहीं छलकी है।

प्रवीण शर्मा ने कहा कि कर्मचारी सरकार की कठपुतली बन कर रह गए हैं। आशा वर्कर्स, सिलाई अध्यापिकाएं, करुणामूल्क आश्रित परिवार, आउटसोर्स, पीस मील वर्कर्स, डेली वेज, पार्ट टाइम, एसएमसी अध्यापक, अनुबंध अध्यापक, बेरोजगार, प्राइवेट कर्मचारी, पेंशन से वंचित कर्मी सब दुःखी हैं। फिर भी हमारी सरकारे डंके की चोट पर कहती है कि हमने देश का विकास कर दिया।

अनुबंध प्रथा के तहत हाई कोर्ट के फैसले जल्द लागू हों। करुणामूल्क आश्रित परिवारों को जल्द राहत दी जाए। डेली वेज वर्कर्स वर्षों से क्लर्क की पोस्ट पर कार्य कर रहे हैं, उन्हें अब नियमित करना चाहिए। आशा वर्कर्स, सिलाई शिक्षक, आउटसोर्स कर्मी, पीस मील वर्कर के लिए जल्द पालिसी बने।

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