सरकार के नए फरमान से कर्मचारी वर्ग में रोष, शिक्षक संघ ने बैठक कर जताया रोष, पढ़ें पूरा मामला
Employees Union न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए जा रहे 14 प्रतिशत इम्पलायर शेयर में से टैक्स देने के फरमान पर कर्मचारियों में भारी रोष है और इस आदेश को रद करवाने के लिए कर्मचारी लामबंद होने लगे हैं।
नगरोटा सूरियां, जेएनएन। न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए जा रहे 14 प्रतिशत इम्पलायर शेयर में से टैक्स देने के फरमान पर कर्मचारियों में भारी रोष है और इस आदेश को रद करवाने के लिए कर्मचारी लामबंद होने लगे हैं। रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिमाचल राजकीय शिक्षक संघ के जिला प्रधान राकेश गौतम की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में वरिष्ठ उप प्रधान तेजपाल, महासचिव ओंकार सिंह सहित राज्य के वरिष्ठ उप प्रधान शाम छू सुब्बा एवं प्रदेश स्टेयरिंग कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र पठानिया, मुख्य सलाहकार हरभजन सिंह, रणबीर सिंह, शशिपाल, पंकज गुलेरिया, अर्जुन सिंह, विभिन्न खंडो के प्रधान संदीप शर्मा, सुरेश, प्रदीप, राजेश, नरेंद्र, यशपाल, महेंद्र, विजय, प्रताप भारती आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के बाद जिला प्रधान राकेश गौतम और मीडिया प्रभारी विजय धीमान ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में सरकार ने एक नया आदेश जारी कर कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात किया है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से इस असहनीय आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना काल के समय सरकार ने बड़ी चालाकी से करीब एक वर्ष पहले ही अप्रैल 2020 से ही आदेश को लागू करने से पहले तक किसी को भनक तक नहीं लगने दी। इस अनभिज्ञता के चलते ही चालू वित्त वर्ष में देय कर औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 15 फरवरी तक कार्यालय में जमा भी करवा दिया है।
लेकिन अब अचानक आए इस फरमान से न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले सभी कर्मचारी सकते में हैं। संघ के पदाधिकारियों ने तल्खी में कहा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार को कंपनी के हितों को सर्वोपरि मानते हुए कर्मचारियों के विरुद्ध निर्णय लेना पड़ा है, जबकि कर्मचारी लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि कंपनी के शोषण से छुटकारा दिलाकर कर्मचारियों को राहत दी जाए।
न्यू पेंशन स्कीम के तहत वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा संबंधित कर्मचारी और 14 प्रतिशत हिस्सा सरकार देती है और इसे पेंशन स्कीम के नाम कंपनियों को दे दिया जाता है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने दलील दी है कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत दिए जा रहे इम्पलायर शेयर को कर्मचारियों के नाम पर कंपनियों को देने की बजाय उस शेयर को जीपीएफ की तर्ज पर सरकार अपने पास रखे। इससे एक तो सरकार की बचत होगी और दूसरा कर्मचारियों के हित भी सुरक्षित रहेंगे। कर्मचारियों को हमेशा सरकार पर पूरा भरोसा रहा है, जबकि कंपनियों से यह डर लगा रहता कि पता नहीं कि ये कब दिवालिया घोषित हो जाएं।