कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की मांग, वादे के अनुसार पुरानी पेंशन के लिए जल्‍द कमेटी का गठन करे सरकार

Old Pension Scheme हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने पूरे प्रदेश के कर्मचारियों री मांगों को जल्द पूरा करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। आग्रह किया है कि विधानसभा सत्र में पीड़ित कर्मचारी वर्ग की मांगों पर विशेष ध्यान दिया जाए ।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:23 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:06 PM (IST)
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की मांग, वादे के अनुसार पुरानी पेंशन के लिए जल्‍द कमेटी का गठन करे सरकार
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करने की मांग प्रदेश सरकार से की है

पालमपुर, संवाद सहयोगी। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने पूरे प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। आग्रह किया है कि विधानसभा सत्र में पीड़ित कर्मचारी वर्ग की मांगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस बारे में मांग पत्र सरकार को भेजा है। मोर्चा प्रदेश वरिष्ठ सलाहकार भारत भूषण ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा के दिशा निर्देशों अनुसार पीड़ित कर्मचारियों के हकों के लिए मांग पत्र सरकार के समक्ष रखा जा रहा है। जिसमें की उन एनपीएस कर्मचारियों के लिए 2009 केंद्र की अधिसूचना लागू की जाए। जिसमें की दिवंगत होने या अपंगता होने पर स्वजनों को पुरानी पेंशन मिलेगी।

वादे के अनुसार पुरानी पेंशन के लिए जल्द कमेटी का गठन हो, ताकि एनपीएस के तहत रिटायर कर्मियों की व्यथा का पता चल सके। भरत भूषण ने कहा कि इसके अलावा टीजीटी से पीजीटी प्रमोशन लिस्ट जो पिछले साल से पेंडिंग है, इसे जल्द निकाला जाए। 2008 पुराने आरएंडपी रुलज को उन शिक्षकों पर लागू किया जाए जिन्हें गलती से नियमित रखने के स्थान पर अनुबंध पर रख दिया था क्योंकि हाईकोर्ट भी इस बाबत शिक्षकों के हित में डेढ़ साल पहले फैसला दे चुका है।

एलटी व शास्त्री टेट पास को टीजीटी का दर्जा दिया जाए। मेडिकल बिलों का भुगतान उसी समय हो जाना चाहिए, जब कर्मचारी किसी सीरियस बीमारी के कारण महीनों अस्पतालों में भर्ती रहते हैं। इसके लिए सरकार कार्ड सिस्टम लागू करे। यह सुविधा अन्य सेवाओं में मिलती है। साथ ही आशा वर्कर, सिलाई अध्यापिकाएं, डेली वेज क्लर्क, करुणामूल्क आश्रित परिवार, आउटसोर्स कर्मी, पीस मील वर्कर जो कि वर्षों से पीड़ित हैं तो इनके लिए भी पॉलिसी बनाई जाए व सम्मान पूर्वक मानदेय दिया जाए ताकि यह भी समाज का एक मजबूत हिस्सा बन सकें।

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