जेसीसी के निर्णयों को कर्मचारियों ने सराहा, आउटसोर्स को मांगी नीति

शिमला में शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में की गई घोषणाओं का कर्मचारी संघों ने स्वागत किया है। अनुबंध का कार्यकाल दो वर्ष किए जाने और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का स्वागत किया है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:50 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:50 PM (IST)
जेसीसी के निर्णयों को कर्मचारियों ने सराहा, आउटसोर्स को मांगी नीति
पीटरहाफ में आयोजित कर्मचारी संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। शिमला में शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में की गई घोषणाओं का कर्मचारी संघों ने स्वागत किया है। अनुबंध का कार्यकाल दो वर्ष किए जाने और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का स्वागत किया है। बेशक कुछ कर्मचारी एरियर पर स्पष्ट निर्देश न होने से असमंजस में हैं। साथ ही आउटसोर्स कर्मचारी अपने लिए नीति की पैरवी कर रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चाहते थे कि उनका सेवाकाल 58 से बढ़ाकर 60 साल किया जाए। इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ लंबे समय से इस मांग को उठा रहा है।

सर्व अनुबंध कर्मचारी संघ ने सराहे निर्णय

हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र नड्डा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल ने जेसीसी में सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में लिए गए निर्णयों की सराहना की। उन्होंने तीन साल के अनुबंध कार्यकाल को घटाकर दो साल करने को अच्छा कदम बताया।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ बोला, सेवाकाल बढ़ाया जाए

शिक्षा विभाग से संबंधित राज्यस्तरीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील बनयाल, महासचिव राजपाल ठाकुर, उपाध्यक्ष भूट्टो राम, मुख्य सलाहकार मक्खन लाल, जिला ऊना के अध्यक्ष केशवानंद, सोलन ब्लॉक के अध्यक्ष आसाराम का कहना है कि 2001 से पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सेवाकाल 60 वर्ष होता था। उसके बाद सरकार ने आयु सीमा 58 साल कर दिया है। जिसे पुन: 60 वर्ष बहाल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने देर से अपनी जिम्मेदारी को निभाया है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को जब लगभग सभी राज्य लागू कर चुके हैं तब दिया जा रहा है। दो साल अनुबंध की घोषणा चार वर्ष पूरे होने के बाद की गई, जबकि भाजपा के घोषणा पत्र में यह था। यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में किया जा सकता था। जेसीसी के नाम पर कर्मचारी महासंघ में तोडफ़ोड़ की गई है, जो उचित नहीं है। इस बैठक से 80 फीसद चुने हुए कर्मचारी संघों ने किनारा किया है।

-विनोद कुमार, अध्यक्ष, अराजपित्रत कर्मचारी महांसघ विनोद गुट।

अनुबंध कार्यकाल को तीन से दो वर्ष किया जाने का स्वागत योग्य फैसला है। आउटसोर्स कर्मचारियों को वो चाहे किसी भी विभाग में हैं, उनके लिए स्थायी नीति बनाई जानी चाहिए। जेसीसी की बैठक जिस भी मांग पर चर्चा की गई या मानी गई है उसे समयबद्ध लागू किया जाना चाहिए।

-सनाईक एमआर वर्मा, अध्यक्ष, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय लिपिक वर्ग संघ।

हमारा संघ जेसीसी से संबद्ध नहीं है, लेकिन इसमें लिए गए निर्णयों को लाभ सभी कर्मचारियों को होगा। आउटसोर्स पर सेवाएं देने वालों के लिए नीति आवश्यक है। इसके अलावा छठा वेतन आयोग लागू होने से सबको लाभ होगा।

-ज्योति वालिया, अध्यक्ष, प्रदेश प्रशिक्षित स्टाफ नर्सिज संघ।

छठा वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने को कहा है, लेकिन एरियर की कोई बात नहीं हुई। 58 वर्ष सेवानिवृत्ति की आयु होनी चाहिए। मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद सीधी भर्ती कर सहायक प्रोफेसरों के पद पर सेवाएं प्रदान करने वालों के साथ अनदेखी हो रही है।

-पुष्पेंद्र, महासचिव, प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ।

जलरक्षकों को अनुबंध पर लाने के लिए 12 साल से आठ साल किया जाए। जेसीसी की बैठक में इसे एक साल ही कम किया। यह जलरक्षकों की अनदेखी है।

-रवि ठाकुर, अध्यक्ष, जलरक्षक संघ।

हम जिला परिषद में सेवाएं दे रहे हैं। कनिष्ठ अभियंताओं को सरकार पंचायती राज विभाग या फिर ग्रामीण विकास विभाग में समाहित करें। इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया।

-सुलक्षणा जसवाल, अध्यक्ष, कनिष्ठ अभियंता संघ।

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