हिमाचल में बनाए जाएंगे आठ मॉडल कॉलेज, रूसा के तहत मंजूरी पर मिलेगी चार-चार करोड़ की ग्रांट
Model College in Himachal प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में गुणात्मक शिक्षा के साथ अब मॉर्डन तकनीक से पढ़ाया जाएगा।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में गुणात्मक शिक्षा के साथ अब मॉर्डन तकनीक से पढ़ाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार चंबा, सिरमौर, किन्नौर और लाहुल-स्पीति को छोड़कर हर जिला में एक-एक मॉडल कॉलेज बनाने जा रही है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत तैयार किए जा रहे वार्षिक प्लान में हिमाचल सरकार केंद्र से इन कॉलेजों के लिए बजट मांगेगी। केंद्र इसके लिए मंजूरी देता है तो प्रत्येक कॉलेज को चार-चार करोड़ की ग्रांट मिलेगी।
नया कॉलेज बनाने के बजाय मौजूदा समय में चल रहे कॉलेज का ही दर्जा बढ़ाकर इसे मॉडल कॉलेज बनाया जाएगा। केंद्र जो ग्रांट जारी करेगा उससे नए भवन का निर्माण, पुस्तकालय, हॉस्टल सुविधा, बेहतर फैकल्टी जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इन कॉलेजों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को भी संचालित किया जाएगा। नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा पढ़ाई स्मार्ट क्लास के माध्यम से करवाई जाएगी।
अभी ये हैं मॉडल कॉलेज
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत एमएचआरडी ने शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े जिलों चंबा के लीलकोठी और सिरमौर के सराहां को नए मॉडल कॉलेज बनाने के लिए 12-12 करोड़ की ग्रांट जारी की हुई है। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालय चंबा और रिकांगपिओ कॉलेज को मॉडल कॉलेज के लिए बजट मंजूर हो चुका है। ये कॉलेज मॉडल कॉलेजों में परिवर्तित हो चुके हैं।
पूर्व सरकार ने भेजा था निजी कॉलेज का प्रस्ताव
पूर्व कांग्रेस सरकार के समय रूसा के तहत मॉडल कॉलेज बनाने के लिए किसी सरकारी कॉलेज का नाम ही प्रस्तावित नहीं किया था। सरकारी के बजाय शिमला जिला में चल रहे ग्रांट इन एड कॉलेज का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। केंद्र ने इस कॉलेज को चार करोड़ की ग्रांट जारी की थी। यदि पूर्व में नाम भेजे जाते तो सरकारी कॉलेज में बेहतर सुविधाएं होनी थी।
प्लान तैयार किया जा रहा है। प्रदेश के आठ कॉलेजों को मॉडल कॉलेज बनाने की तैयारी है। इस बार किसी भी निजी व ग्रांट इन एड कॉलेजों को मॉडल कॉलेज के लिए ग्रांट नहीं मांगी जाएगी। केवल सरकारी कॉलेजों को ही इसमें शामिल किया जाएगा। जल्द ही यह प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया जाएगा। -प्रो. सुनील गुप्ता, अध्यक्ष, उच्च शिक्षा परिषद।