आइजीएमसी में तीसरे किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दो किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तीसरे के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अस्पताल प्रशासन की ओर से एम्स दिल्ली के चिकित्सकों से समय मांगा है। ये सेवा शुरू करने के लिए एंम्स के डाक्टर पहले 10 ट्रांसप्लांट में मदद करेंग।
शिमला, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में दो किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तीसरे के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अस्पताल प्रशासन की ओर से एम्स दिल्ली के चिकित्सकों से समय मांगा है। राजधानी में आम लोगों के लिए ये सेवा शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एंम्स के डाक्टरों के साथ करार किया है कि पहले 10 ट्रांसप्लांट उनकी मदद से होंगे। इसके बाद आइजीएमसी के चिकित्सक खुद किडनी ट्रांसप्लांट कर सकेंगे। इसमें आत्मनिर्भर होने के बाद हिमाचल के लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
आइजीएमसी के प्रिंसिपल डा. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि तीसरे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के डाक्टरों से समय मांगा है। आइजीएमसी के डाक्टर तीसरा ट्रासंप्लाटं करने लिए पूरी तरह तैयार हैं। एम्स के डाक्टरों से समय मिलने के बाद ही ये फाइनल हो सकेगा। दिल्ली एम्स से डाक्टरों की निगरानी में आगामी ट्रांसप्लांट होना प्रस्तावित है। राज्य के बाहर निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट केलिए लाखों रुपये खर्च होते हैं। शिमला के आइजीएमसी जल्द किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने से लोगों को अन्य राज्यों में नहीं जाना पडे़गा। मरीजो व उनके स्वजनों को इसके लिए लाखों रुपये खर्चने से भी राहत मिलेगी।
किडनी मरीजों को मिलेगी राहत
मरीज किडनी खराब होने पर डायलिसिस की स्टेज पर आ जाता है। घर से ज्यादा मरीज को अस्पताल ही रहना पड़़ता है। जिंदगी भर की परिवार की कमाई इसी पर खर्च करनी पड़ती है। हिमाचल में ये सुविधा न होने के कारण मरीज दूसरे राज्य का रुख करना पड़ता है ।
दो सफल किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका है आइजीएमसी
आइजीएमसी अभी तक एम्स के डाक्टरों की मदद से दो सफल ट्रांसप्लांट कर चुका है। अस्पताल में तीसरे ट्रांसप्लांट को करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए दिल्ली में डाक्टरों से संपर्क साधा जा रहा है। इसे करवाने में कब तक सफलता मिलती है, इसका सभी को इंतजार है।