शिक्षण संस्थानों को किया जाएगा सैनिटाइज, प्रदेशभर में चलेगा अभियान

हिमाचल प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग प्रदेशभर में सैनिटाइजेशन कार्यक्रम शुरू करेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:05 PM (IST)
शिक्षण संस्थानों को किया जाएगा सैनिटाइज, प्रदेशभर में चलेगा अभियान
स्कूलों को खोलनेे से पहले सैनिटाइज किया जाएगा। प्रतीकात्मक

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले सैनिटाइज किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग प्रदेशभर में सैनिटाइजेशन कार्यक्रम शुरू करेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत विभाग वेबिनार भी आयोजित करेगा। पहले चरण में कालेजों को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके लिए सभी प्रधानाचार्य व शिक्षकों को वेबिनार में जोड़ा जाएगा। कालेज व स्कूल प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक किया जाएगा। विभाग शिक्षण संस्थानों को समय-समय पर सैनिटाइज करवाता रहेगा।

अब प्रदेश में कोरोना के मामले कम आ रहे हैं। 25 जून के बाद कालेजों की परीक्षाओं को भी करवाने की योजना है। ऐसे में विभाग का यह वेबिनार काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी कालेज ङ्क्षप्रसिपल और शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे शिक्षकों की सूची जारी करें जो इस वेबिनार सीरीज में भाग ले सकते हैं। यही शिक्षक आगे विद्यार्थियों को सैनिटाइजेशन के बारे में जागरूक करेंगे। कोविड के मामले घटने लगे हैं और शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक कार्य के लिए शिक्षकों को भी बुलाने की तैयारी है। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने बताया कि जल्द ही वेबिनार की डेट तय कर दी जाएगी

उपनिदेशकों से असुरक्षित भवनों का ब्योरा तलब

प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत को जल्द ही सुधारा जाएगा। शिक्षा विभाग स्कूल सेफ्टी प्रोजेक्ट के तहत इन स्कूलों की हालत को सुधारेगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने इसको लेकर सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है। उपनिदेशकों को निर्देश दिया है कि वे दो सप्ताह में स्कूल भवनों की पूरी रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजें। इसमें दस्तावेजों सहित फोटो व वीडियो के माध्यम से ये रिपोर्ट देने को कहा गया है। विभाग ने इसका एक फार्मेट भी भेजा है। इसमें पूछा है कि जिला में कुल कितने स्कूल भवन हैं, कितने स्कूल भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया है और कितने सुरक्षित हैं। यदि इस बारे मे सही तरह की जानकारी नहीं दी जाती है तो ये जिम्मेदारी स्वयं स्कूल हेड की होगी व आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

उपनिदेशकों को स्कूल हेड व कमेटी सहित संबधित विभागों के साथ स्कूलों के भवनों को लेकर नियमित समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है। विभाग ने स्कूल सुरक्षा नीति के तहत प्रत्येक स्कूल हेड से तिमाही आधार पर यह रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।

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