पढ़े-लिखे 'अनपढ़' भर रहे लुटेरों के खजाने

कभी नौकरी तो कभी रातोंरात अमीर बनने का सपना देखने वाले पढ़े-लिखे अनपढ़ शातिरों के झांसे में आकर जिले में साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही लुटेरों के खजाने भी भर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पढ़े-लिखे लोग ही अधिकतर ऐसे ठगों के शिकार बन रहे हैं और जीवनभर की जमा पूंजी एक ही झटके में खत्म कर दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 05:00 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 05:00 PM (IST)
पढ़े-लिखे 'अनपढ़' भर रहे लुटेरों के खजाने
पढ़े-लिखे 'अनपढ़' भर रहे लुटेरों के खजाने

कभी नौकरी तो कभी रातोंरात अमीर बनने का सपना देखने वाले पढ़े-लिखे अनपढ़ शातिरों के झांसे में आकर जिले में साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही लुटेरों के खजाने भी भर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पढ़े-लिखे लोग ही अधिकतर ऐसे ठगों के शिकार बन रहे हैं और जीवनभर की जमा पूंजी एक ही झटके में खत्म कर दे रहे हैं।

जिले में वर्ष 2021 में अप्रैल से अब तक साइबर अपराध के पांच पांच दर्ज हुए हैं। इनमें से तीन इंटरनेट मीडिया पर युवतियों की अश्लील या आपत्तिजनक फोटो अपडेट करने के हैं। साथ ही दो मामले साइबर ठगी के हैं और साइबर ठगों ने करीब 25 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। ठगी के शिकार लोग पढ़े लिखे थे। एक युवक नौकरी की चाहत में तीन लाख रुपये लूटा बैठा, जबकि एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को पैसा कमाने के चक्कर में 22 लाख रुपये की चपत लगी है।

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2020 में दर्ज हुए थे आठ मामले

वर्ष 2020 में जिले में साइबर अपराध के कुल आठ मामले दर्ज हुए थे और शातिरों ने आठ लाख 90 हजार रुपये की चपत लगाई थी। इन मामलों में से पांच एटीएम कार्ड बदलकर या एटीएम कार्ड क्लोनिग कर खाते से पैसे उड़ाने के हैं। ये मामले तो पुलिस के पास दर्ज हैं। इसके विपरीत जिले में कई लोग ठगी का शिकार होकर लाखों रुपये लूटा देते हैं, लेकिन शर्म के कारण केस दर्ज नहीं करवाते हैं।

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ऐसे तैयार होता है एटीएम का क्लोन

क्लोन एटीएम बनाकर ठगी करने वाला गिरोह सुनसान इलाकों में एटीएम को निशाना बनाते हैं। पहले एटीएम के कार्ड पर विशेष मैग्नेटिक डिवाइस लगा दी जाती है। यह डिवाइस एटीएम कार्ड और चिप की सारी इन्फार्मेशन को कापी कर लेती है। इसके बाद साफ्टवेयर की मदद से एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया जाता है।

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केस स्टडी-1

युवक ने लुटाए तीन लाख रुपये

लंज के आशीष कुमार ने 9 मार्च, 2021 शिकायत दर्ज करवाई थी कि 21 जनवरी, 2021 को उसकी ईमेल पर एक कंपनी का वेलकम का मैसेज आया। इसके बाद कंपनी की ओर से एक व्यक्ति ने उन्हें काल की। फोन करने वाले ने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताया। शातिर ने अपना नाम एमएस राठौर बताया और अपने मोबाइल फोन नंबर 7838216238 से काल की। शातिर ने आशीष कुमार को आश्वासन दिया कि कंपनी शोरूम खोलना चाहती है। इसके लिए उसे कुछ सिक्योरिटी राशि बैंक में जमा करवानी होगी। शातिर के झांसे में आकर आशीष ने बैंक खाता नंबरों 002592657001 पर 102500 व दूसरे पर 296600 रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद शातिर ने फोन उठाना बंद कर दिया।

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सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को लगाया 22 लाख का चूना

16 मार्च, 2021 को दर्ज शिकायत के अनुसार घुरकड़ी निवासी सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर 22 लाख रुपये की आनलाइन ठगी का शिकार हो गए। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह शेयर ट्रेडिग का कारोबार करते हैं। इसी सिलसिले में उन्हें एक अनजान नंबर से काल आई कि शेयर ट्रेडिग के लिए जितने पैसे जमा कराओगे उससे 50 गुना लिमिट बन जाएगी। शातिर की बातों में आकर पहले 10 लाख और दूसरी दफा 12 लाख रुपये बताए खाते में जमा करवा दिए। इसके बाद कोई जवाब नहीं आया। ::::::::::::::

ऐसे मामले जो दर्ज नहीं हुए

केस स्टडी : 1

धर्मशाला से सटे एक गांव के युवक ने आनलाइन शापिग की। इसके बाद उसे फोन आया कि शापिग के आधार पर आपको सफारी गाड़ी निकाली है। गाड़ी नाम करने एवं पंजीकरण के पैसे देने होंगे। इसकी एवज में शातिरों ने करीब 70 हजार रुपये युवक से ठग लिए। इसके बाद जब युवक से 15 हजार रुपये की मांग की तो उसने दोस्त से पैसे मांगे। इस दौरान ही उसे पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया है। शर्म के कारण युवक ने मामला दर्ज नहीं करवाया है।

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केस स्टडी दो

नगर निगम धर्मशाला के एक वार्ड के एक बेरोजगार युवक ने इंटरनेट में देखा कि गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा में कर्मियों की भर्ती होगी। आवेदन के लिए लिक भी दिया गया था। नौकरी के लिए पात्र होने के कारण युवक ने आवेदन कर दिया। अगले ही दिन उसे एक नंबर से फोन आया और कहा गया कि उसे चयनित कर लिया है। सिक्योरिटी के नाम पर उससे तीन किस्तों में 35 हजार रुपये लूट लिए गए।

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ऐसे बचें आनलाइन ठगी से

-अज्ञात फोन नंबरों को न उठाएं।

-देश का कोड प्लस 91 जरूर देखें, तभी फोन काल रिसीव करें।

-किसी से भी अपना ओटीपी शेयर न करें।

-फोन पर कोई भी आपसे बैंक का ओटीपी नहीं पूछता है।

-अपने पास बैंक का हेल्पलाइन नंबर जरूर रखें।

-यदि लगे कि आप साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं तो सबसे पहले अपना बैंक खाता फ्रीज कराएं

-बिना कोई लाटरी डाले, ईनाम कैसे निकल सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें।

-अगर कोई फेक काल आती है तो इस संबंध में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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साइबर ठगी पुलिस नहीं रोक सकती है। पुलिस केवल ठगी होने के बाद अगर कोई शिकायत दर्ज करवाता है तो उस पर कार्रवाई कर सकती है। जनता को खुद साइबर अपराध के खिलाफ जागरूक होना पड़ेगा। मोबाइल फोन पर आने वाले किसी भी लिक पर आंखें मूंदकर क्लिक न करें। कोई भी बैंक फोन पर आपकी जानकारी नहीं मांगता है, इसलिए कोई मांगे तो न दें। अपने बचत खाते में बहुत अधिक पैसे भी न रखें।

-डा. खुशहाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक, कांगड़ा

-मुनीष गारिया, धर्मशाला

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