हिमाचल में शिक्षा के प्रारूप में होगा बड़ा बदलाव, अब हर कक्षा में नहीं होंगी परीक्षाएं, पढ़ें पूरी खबर

New Education Policy राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्कूलों के प्रारूप में बड़ा बदलाव होगा। स्कूल में प्राथमिक माध्यमिक और वरिष्ठ की बजाय चार श्रेणियां बनाई गई हैं। वार्षिक परीक्षाएं हर कक्षा में नहीं होंगी। तीसरी पांचवीं आठवीं दसवीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं ही होंगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 09:26 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 03:51 PM (IST)
हिमाचल में शिक्षा के प्रारूप में होगा बड़ा बदलाव, अब हर कक्षा में नहीं होंगी परीक्षाएं, पढ़ें पूरी खबर
नई शिक्षा नीति के हिमाचल में शिक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव होगा।

शिमला, अनिल ठाकुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्कूलों के प्रारूप में बड़ा बदलाव होगा। स्कूल में प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ की बजाय चार श्रेणियां बनाई गई हैं। वार्षिक परीक्षाएं हर कक्षा में नहीं होंगी। तीसरी, पांचवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं ही होंगी। यह परीक्षाएं स्कूल शिक्षा बोर्ड आयोजित करेगा, बाकी कक्षाओं की स्कूल स्तर वार्षिक मूल्यांकन होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) अहम भूमिका निभाएगा।

प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक को आयु वर्ग के साथ चार श्रेणियों में बांटा गया है। राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान आशीष कोहली ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने का कार्य शुरू हो गया है। नीति के हर प्रावधान के बारे में शिक्षकों से लेकर, बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है।

पहली फाउंडेशन स्टेज होगी

स्कूल में पहली श्रेणी को फाउंडेशन स्टेज का नाम दिया है। इस स्टेज में आठ साल तक यानि तीसरी कक्षा तक के बच्चे शामिल होंगे। पांच प्लस तीन यानि दो साल प्री प्राइमरी को भी इसी में जोड़ा जाएगा। फाउंडेशन स्टेज पर शिक्षा विभाग सबसे ज्यादा काम करेगा। विभाग का तर्क है कि बच्चों का मानसिक विकास इस आयु तक हो जाता है। नर्सरी से लेकर तीसरी कक्षा तक बच्चों को जमा-घटाव और अक्षरों को जोडऩा, जैसी बेसिक चीजें सिखाई जाएंगी। दूसरी श्रेणी प्रीपेयरली स्टेज होगी। इसमें आठ से 11 साल आयु तक के छठी कक्षा तक के बच्चे आएंगे। इसके बाद मिडल स्टेज होगी। इसमें कक्षा सातवीं से आठवीं यानि 11 से 14 साल तक के बच्चे शामिल होंगे। मिडल के बाद सेकेंडरी स्टेज होगी। इसमें नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थी शामिल होंगे।

दोबारा पढ़ाई कर सकेंगे विद्यार्थी

नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों को दोबारा पढ़ाई का मौका मिलेगा, यानि यदि किसी विद्यार्थी ने घर की मजबूरी के कारण पढ़ाई छोड़ दी है तो वह दोबारा कभी भी दाखिला ले सकता है। उसे स्कूल को कोई शपथ पत्र नहीं देना पड़ेगा कि स्कूल क्यों छोड़ा था और इस दौरान उसने कोई अन्य पढ़ाई तो नहीं की।

chat bot
आपका साथी