जनता के सुझाव से बदलेगा विधेयक का प्रारूप, विभाग रोजाना करेगा सुझावों की मॉनीटरिंग
Education Bill राज्य सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर अब कानूनी रूप से शिकंजा कसने जा रही है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश प्राइवेट विद्यालय (फीस और अन्य संबंधित मामलों का विनिमयन) विधेयक-2021 तैयार कर 30 जून तक लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी है।
शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर अब कानूनी रूप से शिकंजा कसने जा रही है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश प्राइवेट विद्यालय (फीस और अन्य संबंधित मामलों का विनिमयन) विधेयक-2021 तैयार कर 30 जून तक लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी है। बिल के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले शिक्षा विभाग ने लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी है। लोगों की तरफ से आने वाले सुझावों व आपत्तियों की रोजाना मॉनिटरिंग होंगी। निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने इसको लेकर सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं। किस जिला में कितने सुझाव आए इसकी पूरी रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजनी होगी।
रोजाना 3 बजे तक यह रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजने को कहा गया है। सचिव शिक्षा खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। लोगों से आने वाले सुझावों के बाद विभाग इसके प्रारूप को अंतिम रूप देगा। निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर प्रदेश भर में विरोध हो रहा है। कई स्कूलों ने कोरोना काल में सरकार के आदेशों की अनदेखी कर छात्रों से पूरी फीस वसूली। इसको लेकर प्रदेश में आंदोलन भी हुए। जिसके बाद सरकार ने स्कूलों पर कानूनी रूप से शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। इसके लिए यह बिल तैयार किया गया है।
बिल के प्रारूप के तहत यदि कोई स्कूल बच्चों से तय फीस से ज्यादा फीस वसूलता है तो उस पर 1 से 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। आरोप साबित होने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है। यदि स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है तो उसकी एनओसी को निरस्त किया जा सकता है। ज्यादा फीस वसूली को सरकार ने मुनाफाखोरी की श्रेणी में रखा है। यानि आरोप साबित होने पर दोषी को जेल भी हो सकती है। शिक्षा विभाग ने पहले 20 जून तक इसको लेकर सुझाव व आपत्तियां मांगी थी। अब इसकी तिथि को बढ़ाकर तीस जून कर दिया गया है। डे केयर, प्री प्राइमरी, क्रैच से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की फीस का निर्धारण इसी कानून के अधीन आएगा।