कोरोना महामारी में बच्‍चों ने फास्‍ट फूड से बनाई दूरी, घर का पौष्टिक आहार खाकर सेहत में आया सुधार

स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि छह माह से कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली को बदल दिया है। इस दौरान बच्‍चों ने भी जंकफूड़ को छोड़ कर घर का पौष्टिक आहार खाया है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 03:06 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 03:06 PM (IST)
कोरोना महामारी में बच्‍चों ने फास्‍ट फूड से बनाई दूरी, घर का पौष्टिक आहार खाकर सेहत में आया सुधार
कोरोना महामारी में बच्‍चों ने फास्‍ट फूड से बनाई दूरी, घर का पौष्टिक आहार खाकर सेहत में आया सुधार

जाहू, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि छह माह से कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली को बदल दिया है। इस दौरान बच्‍चों ने भी जंकफूड़ को छोड़ कर घर का पौष्टिक आहार खाया है। जिसका परिणाम उनमें में बढ़ता हीमोग्लोबिन (एचबी) है। यह बात एक छोटे से कस्बे लदरौर में स्कूली बच्चों की जांच के दौरान पेश आई है। अगर सभी जगह इसकी जांच की जाए तो लोगों के स्वास्थ्य में सुधार पाया जाएगा। हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के अंतर्गत आने वाले आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र लदरौर में झरलोग पंचायत के छह आंगनबाड़ी केंद्रों के गांव बल्हे, लदरौर कलां, थाना, लदरौर खुर्द, झरलोग बुल्हा, झरलोग उपरला व बुधवीं के गांवों की दस से 17 वर्ष की 40 लड़कियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि केवल चार ही लड़कियों में दस ग्राम हीमोग्लोबिन अर्थात खून था जबकि छह किशोरियां 11 ग्राम,  आठ किशोरियां 12 ग्राम और 18 किशोरियों का हीमोग्लोबिन 13 से 13.5 ग्राम पाया गया है। अर्थात चार लड़कियों को छोड़कर सभी लड़कियां स्वस्‍थ पाई गई हैं। किशोरियों में हीमोग्लोबिन की बढ़ी मात्रा से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी हैरान रह गई। कोरोना महामारी के कार्यकाल में बच्चों के जंक फूड से दूर रहने और घरों में स्वयं तैयार की गई हरी सब्जियों जैसे करेला, भिण्ड़ी, कद्दू, लौकी, घिया, रामतोरी, पंडोल खाने में अधिक उपयोग करने से हीमोग्लोबिन बढ़ा है। जो किशोरियों व उनके परिवार के लिये सुखद बात है।

क्या कहते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक

आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र लदरौर के प्रभारी डॉ. विजेंद्र सिंह का कहना है कि पहले हर तीसरी लड़की में खून की कमी पाई जाती थी लेकिन झरलोग पंचायत की किशोरियों में हीमोग्लोबिन बहुत अच्छा पाया गया है। चार लड़कियों को छोड़ कर 36 लड़कियों का हीमोग्लोबिन 11 ग्राम से 13.5 पाया गया है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी के कारण लोग घरों  में स्‍वंय हरी सब्जियां तैयार कर के उनका सेवना कर रहे हैं है। वहीं बच्चे जंक फूड से दूर रहे हैं। इससे लड़कियों के हीमोग्लोबिन में वृद्धि हुई है।

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