दीवारें बूढ़ी, प्लास्टर छोड़ रहा साथ

संवाद सूत्र राजा का तालाब फतेहपुर हलके में रखरखाव व बजट के अभाव में नलकूप सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। हलके में वर्ष 2002-03 में नाबार्ड के तहत करीब 45 नलकूप लगाए गए थे। इसके लिए करोड़ों रुपये केंद्र सरकार ने मंजूर किए थे। केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासों से ही नलकूपों का जीर्णोद्धार होना था। जल शक्ति विभाग ने केंद्र सरकार का बजट खर्च कर दिया जबकि राज्य सरकार के हिस्से का नहीं। नतीजतन आज दिन तक नलकूपों के जीर्णोद्धार का कार्य अधर में है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 05:00 AM (IST)
दीवारें बूढ़ी, प्लास्टर छोड़ रहा साथ
दीवारें बूढ़ी, प्लास्टर छोड़ रहा साथ

संवाद सूत्र, राजा का तालाब : फतेहपुर हलके में रखरखाव व बजट के अभाव में नलकूप सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। हलके में वर्ष 2002-03 में नाबार्ड के तहत करीब 45 नलकूप लगाए गए थे। इसके लिए करोड़ों रुपये केंद्र सरकार ने मंजूर किए थे। केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासों से ही नलकूपों का जीर्णोद्धार होना था। जल शक्ति विभाग ने केंद्र सरकार का बजट खर्च कर दिया जबकि राज्य सरकार के हिस्से का नहीं। नतीजतन आज दिन तक नलकूपों के जीर्णोद्धार का कार्य अधर में है।

हलके के किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द नलकूपों का काम पूरा कर उन्हें पानी की समस्या से निजात दिलाई जाए। जल शक्ति विभाग उपमंडल राजा का तालाब के तहत नलकूप नकोदर नंबर 35 आजकल किसी खंडहर से कम नहीं दिखाई देता है। नलकूप की हालत इतनी जर्जर है कि यह गिरने के कगार पर पहुंच गया है। भवन की दीवारें जर्जर हो गई हैं और छत का प्लास्टर नीचे गिर रहा है। बाहर की दीवारों पर रंग किए हुए मानों वर्षों बीत गए हों। चारदीवारी टूटी हुई है और रात को कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। नलकूप की बगल में विद्युत विभाग का ट्रांसफार्मर रखा है, जिसकी नंगी तारें भी हादसे को न्योता दे रही हैं। नलकूप को सिर्फ अकेले एक पंप आपरेटर के सहारे चलाकर किसानों को राहत पहुंचाए जाने की बात की जाती है। एक समय ऐसा था कि नलकूप पर 24 घंटे पंप आपरेटर सहित बेलदार और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात रहते थे। पंप आपरेटर दिन-रात किसानों की फसलों को सिचित करने के लिए प्रयासरत रहते थे। यही नहीं बेलदार स्वयं खेतों में जाकर भूमि की सिचाई का जायजा लिया करते थे। चतुर्थ श्रेणी स्टाफ अक्सर नलकूप के आगे फूलों की क्यारियां बनाकर सजाकर रखते थे। आज हालात बदतर हो गए हैं। सिर्फ दिन में ही एक पंप आपरेटर सेवाएं दे रहा है। स्टाफ के अभाव में रात को नलकूप पर ताला जड़ दिया जाता है। नलकूप पर अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने की मांग किसान कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उधर, जल शक्ति विभाग के उपमंडल राजा का तालाब के सहायक कनिष्ठ अभियंता संजय धीमान का कहना है कि नकोदर नलकूप की जर्जर हालत सुधारने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। बजट मिलते ही नलकूप का जीर्णोद्धार कर दिया जाएगा। नलकूप पर मात्र एक ही पंप आपरेटर सेवाएं दे रहा है और इस बाबत उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया है।

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