नशे के खात्मे के लिए कदम न उठाए तो हालात संभालना होंगे मुश्किल

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को नशे के विरुद्ध जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:19 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:19 PM (IST)
नशे के खात्मे के लिए कदम न उठाए 
तो हालात संभालना होंगे मुश्किल
नशे के खात्मे के लिए कदम न उठाए तो हालात संभालना होंगे मुश्किल

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में नशीले पदार्थों के सेवन से हमारे राष्ट्र के समक्ष खतरे और इन खतरों के उन्मूलन में छात्रों की भूमिका विषय पर वीरवार को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। धर्मशाला के धौलाधार परिसर एक व शाहपुर में आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड शिमलाके संयोजक-सह-सलाहकार ओम प्रकाश शर्मा ने शिरकत की। वहीं अध्यक्षता कुलपति के निजी सचिव प्रो. अबंरीश कुमार महाजन ने की। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रदीप कुमार ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया।

ओम प्रकाश महाजन ने नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी पांच साल तक अगर हम, हमारी सरकार ने इस दिशा में सजग कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में हालात को संभालना काफी मुश्किल होगा। इसके लिए युवाओं को आगे आने की आवश्यकता है। आज देश और प्रदेश में परिस्थितियां काफी चितनीय होती जा रही हैं। आज का युवा बेरोजगारी, संबंधों को लेकर काफी दबाव में है। इसके साथ ही विदेशियों की तरह रहन-सहन, नशे का सेवन, जल्द पैसा कमाने की होड़ युवाओं को नशे के दलदल में जाने के लिए प्रेरित करते हैं। नशे में फंसा युवक संवेदनाहीन हो जाता है। कुछ नशे तो इतना अधिक शरीर पर असर डालते हैं कि युवा फिर से जिदगी में वापस नहीं आ पाता है। उसका सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक सब रिश्ते खत्म हो जाते हैं। आज भारत में दस साल की आयु से लेकर 75 वर्ष तक की आयु के लगभग 14.212 करोड़ लोग नशे की चपेट में चिन्हित किए जा चुके हैं। एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आज भारत में 40 मीट्रिक टन हेरोइन का हर साल इस्तेमाल हो रहा है। आज हिमाचल में भी हालात बदतर हैं। कई जिलों जिसमें ऊना, कुल्लू, कांगड़ा, सिरमौर, शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर आदि शामिल हैं। सबसे ज्यादा आज का युवा इसकी चपेट में आ रहा है। प्रदेश में लगभग 40 हजार पुलिस केस मात्र नशे के ही दर्ज हैं। इसमें काफी ज्यादा केस नाबालिगों के हैं।

प्रो. अबंरीश कुमार महाजन ने कहा कि अगर डिमांड ही नहीं होगी तो नशा बिकेगा ही नहीं। इसके लिए युवाओं को अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाना होगा। इस मौके पर व्याख्यान संयोजक डा. ब्रहस्पति मिश्र, सह-संयोजक डा. आशीष नाग सहित अन्य मौजूद रहे।

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