नशे की चपेट आए युवाओं ने लत से छुटकारे की लगाई गुहार, मनोचिकित्सक के पास पहुंचकर सुनाई व्यथा
Drugs Addicted Youth नशा एक ऐसा दीमक है जो व्यक्ति के साथ-साथ पूरे समाज को खोखला कर देता है। युवा पीढ़ी को समाज की इस कुरीति से लडऩे के लिए आगे आना होगा तभी एक स्वस्थ एवं नशा मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Drugs Addicted Youth, नशा एक ऐसा दीमक है जो व्यक्ति के साथ-साथ पूरे समाज को खोखला कर देता है। युवा पीढ़ी को समाज की इस कुरीति से लडऩे के लिए आगे आना होगा तभी एक स्वस्थ एवं नशा मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। इसी सोच के साथ नशे की चपेट में आए युवा इससे छुटकारा पाने के लिए सामने आ रहे हैं। आइजीएमसी में न्यू शिमला के तीन युवकों ने डॉक्टरों से नशा छुड़वाने की गुहार लगाई है। वहीं अस्पताल के मनोचिकित्सक विभाग के डॉक्टर उनकी काउंसिलिंग कर रहे हैं और उन्हें नशा छोडऩे के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
युवकों का कहना है कि वे पिछले 3 साल से लगभग हर तरह का नशा कर रहे हैं और उनके दोस्त उन्हें नशीले पदार्थ लाकर देते थे। इसके बाद जब परिजनों को यह सब पता चला तो उन्होंने सकारात्मक सोच के साथ उनसे नशा छुड़वाने के लिए उनका साथ देने लगे। आइजीएमसी में आपातकाल विभाग के सीएमओ डॉ. कर्नल महेश ने भी नशे से पीडि़त युवकों को इसे छोडऩे के लिए प्रेरित किया। डॉ. कर्नल महेश ने कहा कि उनके पास हर रोज 4 या 5 युवक ऐसे आते हैं, जो नशा करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की नशे की चपेट में आए युवकों को सकरात्मकता के साथ डील करें।
स्वजनों ने नशा छोड़ने के लिए किया प्रेरित
एक युवक ने बताया कि शुरुआती दौर में नशा करके अच्छा महसूस होता था। बाद में इसकी आदत होने लगी। कई बार नशीले पदार्थ खरीदने के लिए घर पर चोरी की। इन सब परेशानी से तंग आकर परिजनों को पूरी बात बताई। परिजनों के सहयोग से अस्पताल आने की प्रेरणा मिली और आइजएमसी आकर डॉक्टरों का सहारा मिला। उम्मीद है कि आने वाले समय में इस लत से छुटकारा मिलेगा। अकसर युवा शुरुआत में मस्ती में नशा ले लेते हैं, लेकिन जब इसकी लत लग जाती है तो उनका हाल बेहाल होता है।