शिमला में आरएम के तबादले पर बसें खड़ी कर सड़क पर उतरे चालक-परिचालक

एचआरटीसी शिमला लोकल डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) देवासेन नेगी का तबादला करने के विरोध में चालक व परिचालक सड़क पर उतर आए हैं। आरएम के तबादले की खबर मिलते ही शुक्रवार को पुराना बस स्टैंड में बसें खड़ी करके चालकों व परिचालकों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:06 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:06 PM (IST)
शिमला में आरएम के तबादले पर बसें खड़ी कर सड़क पर उतरे चालक-परिचालक
पुराने बस अडडे पर प्रदर्शन करते चालक-परिचालक। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के शिमला लोकल डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) देवासेन नेगी का तबादला करने के विरोध में चालक व परिचालक सड़क पर उतर आए हैं। आरएम के तबादले की खबर मिलते ही शुक्रवार को पुराना बस स्टैंड में बसें खड़ी करके चालकों व परिचालकों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान तारादेवी, शिमला ग्रामीण और शिमला शहरी डिपो की बसों के पहिये रोक दिए गए। चालकों व परिचालकों ने प्रबंधन को तबादले के आदेश वापस लेने तक बसें न चलाने की चेतावनी दी है।

एचआरटीसी की बसें न चलने से शहर में लोगों को परेशान भी होना पड़ा। इससे लोगों को बसों का घंटों इंतजार करना पड़ा। निजी बसों में भी क्षमता से ज्यादा यात्रियों को नहीं बिठाया जा रहा था, इसलिए लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। चालक पदम ङ्क्षसह ठाकुर का कहना है कि लंबे समय से निजी व सरकारी बसों के चलने की समयसारिणी को लेकर विवाद जारी है। परिवहन विभाग पहले से विभिन्न रूटों पर चल रही सरकारी बसों की टाइङ्क्षमग के साथ निजी बसों की टाइङ्क्षमग क्लब कर देता है। ऐसे में रोजाना निजी व सरकारी बसों के चालकों और परिचालकों में झगड़ा होता रहता है। इस समस्या के निपटारे के लिए 22 जुलाई को बैठक रखी गई थी जिसे किसी कारणवश स्थगित किया गया और जब 23 जुलाई को ढाई बजे बैठक रखी गई तो उससे एक घंटा पहले क्षेत्रीय प्रबंधक के तबादले के आदेश जारी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि आरएम हमेशा से एचआरटीसी के हित के लिए आवाज उठाते रहे हैं।

निजी आपरेटरों को लाभ पहुंचाने का लगाया आरोप

वहीं अन्य चालकों व परिचालकों का कहना है कि महज चार से पांच हजार वेतन में भी कर्मचारी लोगों की सेवा में जुटे हैं लेकिन अपने कर्मचारियों को लाभ देने के बजाय सरकार निजी आपरेटरों को फायदा पहुंचाने में लगी है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांग न मानने पर पूरे प्रदेश में चालक-परिचालक बस सेवा बंद कर देंगे।

चालक व परिचालक बोले, हमारी टाइमिंग बताए सरकार

चालकों व परिचालकों ने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर निजी आपरेटरों को रूटों पर टाइम दिया जाता है तो हमारा टाइम कहां है। सभी रूटों में अलग-अलग स्टेशन पर पहुंचने व प्रस्थान करने के लिए निजी बसों को परिवहन विभाग टाइम देता है लेकिन एचआरटीसी की समयसारिणी के अनुसार महज चार से पांच मिनट बाद का समय दिया जाता है। इस स्थिति में सारी सवारियां निजी बसें लेकर जाती हैं और सरकारी बसें खाली रह जाती हैं। इससे एचआरटीसी घाटे में चल रही है।

यह है मामला

पिछले हफ्ते निजी बस आपरेटर ने एक आडियो वायरल किया था, इसमें आपरेटर ने आरोप लगाया था कि निजी बस की टाइङ्क्षमग पर सरकारी बसें बिना समयसारिणी के चल रही हैं। इस पर अपना पक्ष रखते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा था कि एचआरटीसी की बसें सही समय के अनुसार चलाई जा रही हैं। चालकों व परिचालकों ने आरोप लगाया है कि बहसबाजी की इस आडियो के बाद प्रबंधन ने निजी बस आपरेटरों के दबाव में क्षेत्रीय प्रबंधक पर कार्रवाई करते हुए उनका तबादला किया है।

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