बरोटा-ठाकुरद्वारा पेयजल योजना अनदेखी का शिकार
जल शक्ति विभाग उपमंडल इंदौरा के अधीन पड़ती बरोटा-ठाकुरद्वारा पे
मुकेश सरमाल, भदरोआ
जल शक्ति विभाग उपमंडल इंदौरा के अधीन पड़ती बरोटा-ठाकुरद्वारा पेयजल योजना अनदेखी का शिकार है। मंड क्षेत्र की सबसे पुरानी प्रमुख पेयजल योजना की हालत सुधारने में विभाग आज तक नाकाम सिद्ध हुआ है। इस योजना पर तीन गांवों के करीब दस हजार लोग निर्भर हैं। हैरानी की बात है कि विभाग ने अभी तक पेयजल योजना की चारदीवारी तक नहीं लगाई है। इस कारण कुछ लोग टैंकों के पास पशुओं को बांध रहे हैं। नशेड़ियों के लिए यह स्थान पनाहगार बन गया है।
मार्ग के किनारे व पेयजल योजना के बाहर लोगों ने विभाग की जमीन पर जगह-जगह ईंटों व बजरी के ढेर लगाए हैं। कई लोगों ने तो तूड़ी के कुप्प बना रखे हैं। अवैध कब्जा करने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोग पेयजल योजना के अंदर लगे नलकूप से ही पशुओं को पानी पिला रहे हैं। शाम पांच बजते ही पेयजल योजना के पास पेड़ों के नीचे शराबियों का जमाबड़ा लग जाता है। कई माह पहले चारदीवारी करने के कार्य का टेंडर ठेकेदार को अवार्ड हो चुका है लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया है।
ठेकेदार मंजीत ठाकुर ने कहा कि पेयजल योजना की जमीन का साथ लगती जमीन के मालिक के साथ कुछ विवाद था। इस काम चारदीवारी का काम शुरू नहीं किया जा सका। अब मामला सुलझ गया है और विभाग ने काम शुरू करने का आदेश दे दिया है।
-------
स्थानीय लोग जमीनी विवाद के कारण चारदीवारी नहीं लगाने देते हैं। अगर वे सहमत होते हैं तो चारदीवारी लगाई जाएगी। अवैध कब्जा करने वाले लोगों व शराबियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप चड्ढा, अधिशाषी अभियंता, जलशक्ति विभाग