हर कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना जरूरी नहीं, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Dr Suggestion on Coronavirus कोरोना से संक्रमित हर मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना जरूरी नहीं है। होम आइसोलेट मरीजों को तो कतई नहीं। कुछ लोग रेमडेसिविर को संजीवनी मान बैठे हैं जो गलत है। सामान्य लक्षण वाले मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है।
कुल्लू, जेएनएन। Dr Suggestion on Coronavirus, कोरोना से संक्रमित हर मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना जरूरी नहीं है। होम आइसोलेट मरीजों को तो कतई नहीं। कुछ लोग रेमडेसिविर को संजीवनी मान बैठे हैं, जो गलत है। सामान्य लक्षण वाले मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। यदि किसी गंभीर लक्षण वाले मरीज में आक्सीजन का स्तर कम पाया जाता है, उन्हें इंजेक्शन देना जरूरी हो जाता है, लेकिन वह भी शुरुआती दौर में।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के चेस्ट एंड टीबी रोग विशेषज्ञ डाक्टर अभिलाष का कहना है कि बुखार कोरोना का मुख्य लक्षण है, लेकिन बुखार 100 डिग्री से अधिक हो और दो दिन तक तापमान कम होने का नाम न ले तब इंजेक्शन लगााया जाता है। कोरोना वायरस फेफड़ों पर बुरी तरह से हमला करता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों के फेफड़ों में पहले से कोई समस्या है तो यह इंजेक्शन प्रभावी हो सकता है। इससे सब कुछ ठीक हो जाए यह भी नहीं कहा जा सकता।
बेवजह इंजेक्शन लगा देने से मरीज को इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। तभी इंजेक्शन लगाने से पहले मरीज का लिवर, किडनी फंक्शन टेस्ट आदि कराया जाता है। किसी मरीज का आक्सीजन स्तर काफी गिर गया है। वह सांस लेने की स्थिति में नहीं है। वेंटीलेटर सपोर्ट पर है तो इसका असर नहीं होता है। यदि कोई इसे जीवनरक्षक मान बैठा है, तो वह गलत है।
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