केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. संजीव का हृदयाघात से निधन

जागरण टीम धर्मशाला/हमीरपुर कई साल तक प्राध्यापक के रूप में सेवाएं देने के बाद हिमाचल प्रदे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 04:13 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:13 AM (IST)
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव 
डा. संजीव का हृदयाघात से निधन
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. संजीव का हृदयाघात से निधन

जागरण टीम, धर्मशाला/हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं कुलसचिव 55 वर्षीय डा. संजीव शर्मा का वीरवार सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वह पिछले दो दिन से हमीरपुर जिले के सलासी स्थित घर में थे। उनके परिवार में ललिता, बेटा असीम व बेटी विशाखा हैं। डा. संजीव शर्मा मूल रूप से चितपूर्णी के रहने वाले थे, लेकिन सात वर्ष पहले उन्होंने सलासी में मकान बनाया था। उनकी अंतिम यात्रा में सीयू के कुलपति डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, एचपीटीयू के वीसी एसपी बंसल, एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश ठाकुर व डा. आलोक पांडे समेत अन्य ने भाग लिया। उनकी चिता को मुखाग्नि बेटे असीम ने दी।

प्रशासनिक कार्यो में दक्षता के साथ वह उत्कृष्ट चित्रकार भी थे। सीयू के प्रशासनिक कार्यों को निपटाने के साथ बचे समय में वह चित्रकारी करते थे। डा. संजीव शर्मा ने केमिस्ट्री विषय के प्राध्यापक के रूप में चकमोह महाविद्यालय में भी सेवाएं दी थीं। कई संस्थानों में अध्यापन कार्य के बाद वर्ष 2015 में उन्हें सीयू के परीक्षा नियंत्रक का कार्यभार सौंपा था। उनके कार्यकाल के दौरान सीयू में 50 से अधिक प्राध्यापक व स्टाफ सदस्यों की भर्तियां हुईं। इसी दौरान सीयू के विभागों का भी विस्तार हुआ। स्कूल ऑफ सोशल वर्क के सेंटर फॉर जम्मू-कश्मीर स्टडी और सेंटर फॉर दीनदयाल उपाध्याय उन्हीं के कार्यकाल के दौरान स्थापित हुए। पांच साल परीक्षा नियंत्रक का कार्यभार संभालने के बाद इसी साल की शुरुआत में उन्हें सीयू के कुलसचिव का दायित्व भी सौंपा गया था। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राज्य उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

डा. संजीव शर्मा के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर, भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी व पूर्व विधायक डा. अनिल धीमान ने शोक जताया है।

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स्वर्गीय डा. संजीव शर्मा केवल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं बल्कि मेरे मित्र भी थे। उनकी कमी हमेशा खलेगी।

-प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कुलपति सीयू

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