बीमार मां के पास आने की बजाय चार माह से अस्‍पताल में मरीजों की सेवा में डटा यह कोरोना योद्धा

Corona Warriors उपमंडल नूरपुर के जौंटा क्षेत्र के गांव अमनी का 30 बर्षीय डाॅक्टर मनोज कुमार भी चार माह से बिना छुट्टी किए चंडीगढ़ स्थित अस्पताल में निरंतर आपात सेवा दे रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 01:48 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:48 PM (IST)
बीमार मां के पास आने की बजाय चार माह से अस्‍पताल में मरीजों की सेवा में डटा यह कोरोना योद्धा
बीमार मां के पास आने की बजाय चार माह से अस्‍पताल में मरीजों की सेवा में डटा यह कोरोना योद्धा

जसूर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संकट में देशभर के तमाम डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपनों से दूर होकर एक सैनिक की तरह मोर्चे डटे हुए हैं। उपमंडल नूरपुर के जौंटा क्षेत्र के गांव अमनी का 30 बर्षीय डाॅक्टर मनोज कुमार भी चार माह से बिना छुट्टी किए चंडीगढ़ स्थित अस्पताल में निरंतर आपात सेवा दे रहे हैं। डॉक्टर मनोज ने एक भी छुट्टी नहीं की है। परिवार को भी संकट के समय में बेटे की इस सेवाभाव पर गर्व है। हालांकि इस दौरान घर में उनकी मां का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया और वह कुछ दिन बेहद नाजुक हालत में रहीं। इस दौरान स्वजनों ने मनोज को घर आने के लिए कहा। लेकिन मनोज ने कहा कि एक डाक्टर होने के नाते इस समय संकट से झूझ रहे लोगों को मेरी जरूरत है, इसलिए मैं घर नहीं आ सकता।

मनोज की माता वीना देवी ने बताया वह लगातार मेरे स्वास्थ्य की जानकारी भी लेता रहा और बराबर दवाओं के बारे में भी अवगत करवाता रहा। वीना देवी के अनुसार यह बेटे की सेवाभाव का ही फल है कि अब मैं भी बिल्कुल स्वस्थ हूं। बकौल वीना उसे अपने बेटे पर गर्व है कि घर में मां के गंभीर रूप से बीमार होने के बाबजूद बेटे ने अपना फर्ज निभाते हुए चडीगढ़ में लोगों की सेवा में लगा रहा।

मनोज कुमार बीएएमएस डॉक्टर के पद पर चंडीगढ़ में तैनात हैं। डॉक्‍टर मनोज कोरोना महामारी में रात-दिन काम कर रहे हैं। डॉक्‍टर मनोज की भतीजी शैनव ने बताया चाचा ने बोला था कि वैश्विक महामारी के चलते एक डाॅक्टर होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि एक सैनिक की भांति रण क्षेत्र में डटा रहूं। मुझे अपने डॉक्टर चाचा सहित देश के सभी कोरोना योद्वाओं पर गर्व है, जो अपनों व अपनी जान की चिंता किए बिना दिन-रात जनसेवा में लगे हुए हैं।

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