100 Rupees Water in Solan : नगर निगम के बाशिंदों को 100 रुपये में पानी देने के वादे पर संशय
नगर निगम सोलन के अंतर्गत लोगों को 100 रुपये में पानी देने के वादे पर अभी संशय बना हुआ है। निगम ने अभी तक शहरी विकास विभाग की मंजूरी की फाइल शिमला नहीं भेजी है लेकिन जब सदन में इस पर मुहर लग गई है तो वह वादा पूरा करेंगे।
सोलन, संवाद सहयोगी। 100 Rupees Water in Solan, नगर निगम सोलन के अंतर्गत लोगों को 100 रुपये में पानी देने के वादे पर अभी संशय बना हुआ है। निगम ने अभी तक शहरी विकास विभाग की मंजूरी की फाइल शिमला नहीं भेजी है, लेकिन निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब बीते दिनों सदन में इस पर मुहर लग गई है तो वह वादा पूरा करेंगे।
पिछले दिनों नगर निगम की आयोजित बैठक में 100 रुपये में पानी देने की योजना पर मुहर लगाई गई थी। निगम की बैठक के बाद सोलन के विधायक व निगम की महापौर पत्रकार वार्ता में शहर में दो अक्टूबर से यह योजना लागू करने की घोषणा कर चुके है। सवाल यह उठता है कि जब शहरी विकास विभाग की मंजूरी को प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया तो लोगों को 100 रुपये में 12500 लीटर पानी कैसे उपलब्ध कराया जाएगा।
चुनाव घोषणा पत्र में वादा
नगर निगम के चुनाव के समय भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था। इसके बाद निगम की बैठक में हंगामे के साथ 100 रुपये में पानी उपलब्ध कराने की योजना पर मुहर लगी। भाजपा पार्षद निगम कार्यालय में घोषणा पत्र के वादे पूरे करने को लेकर पहले विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। निगम ने दो अक्टूबर से वादा पूरा करने की बात तो कह रहा है, लेकिन अब तक इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए धरातल पर कार्य शुरू नहीं किया गया।
ये हैं शर्तें
शहर में 100 रुपये में पानी देने के पीछे कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिसके अनुसार हाउस व प्रापर्टी टैक्स सहित अन्य बिलों का भुगतान न करने वालों को यह सुविधा नही दी जाएगी, लेकिन निगम द्वारा अब तक इस तरह की कोई सूची तैयार नहीं की गई, जिससे पता चले कि किसको इस सुविधा का लाभ मिलना है। शहर में वर्तमान में बहुत से उपभोक्ताओं के पानी के मीटर भी खराब हैं। निगम ने ऐसे उपभोक्ताओं को बिलों में नोट चढ़ाकर मीटर बदलने के निर्देश जारी किए हैं।
पूरा किया जाएगा वादा : पूनम
नगर निगम सोलन की मेयर पूनम ग्रोवर का कहना है कि दो अक्टूबर से 100 रुपये में 12500 लीटर पानी देने का वादा पूरा किया जाएगा। जब सदन में इस पर मुहर लग गई है तो शहरी विकास विभाग की मंजूरी लेना जरूरी नहीं है। आगामी दिनों में सदन में चर्चा के बाद प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा।