डोर-टू-डोर कचरा उठाने में शुल्क बन रहा बाधा

संवाद सहयोगी धर्मशाला बेशक धर्मशाला शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए नगर निगम ने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:02 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 09:02 PM (IST)
डोर-टू-डोर कचरा उठाने में शुल्क बन रहा बाधा
डोर-टू-डोर कचरा उठाने में शुल्क बन रहा बाधा

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : बेशक धर्मशाला शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए नगर निगम ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की मुहिम को बरकरार रखा है, लेकिन अब भी तीस फीसद ही शहरी इसकी एवज में तय शुल्क दे रहे हैं, जबकि 70 फीसद शहरी शुल्क चुकाने के लिए तैयार नहीं है, जिसके चलते निगम की मुहिम में भी अड़चन पैदा हो रही है। यही कारण है कि कई वार्डो में अब भी दो दिन छोड़कर ही सफाई कर्मी कूड़ा एकत्र करने के लिए आ रहे हैं।

हालांकि डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करने की मुहिम चलाने का उद्देश्य यह था कि कूड़े को कूड़ेदान में पहुंचने से पहले ही उठा लिया जाए, लेकिन इस दिशा में निगम की ओर से उठाए गए कदम जहां कई शहरियों के शुल्क अदा न करने और कई जगह सफाई कर्मियों के रोजाना न जाने से योजना में बाधा बन रहे हैं। यही आलम भूमिगत कूड़ेदानों का भी है। लाखों की धनराशि खर्च कर स्थापित किए गए इन कूड़ेदानों के बाहर भी कूड़ा बिखरा रहता है। उधर, घरों से प्रतिमाह पचास रुपये व दुकानों से सौ रुपये प्रतिमाह व होटलों में कमरों की क्षमता के अनुसार 1200 रुपये से 2500 रुपये तक प्रतिमाह शुल्क तय किया गया गया था, लेकिन यह शुल्क भी सही ढंग से देय नहीं हो पा रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए सफाई कर्मी आ रहे हैं। हालांकि पहले से यह व्यवस्था सुधरी जरूर है, लेकिन अब इस व्यवस्था को और पुख्ता बनाने की जरूरत है। वहीं सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइट्स दिन में जल रही हैं, जबकि रात में नहीं। व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की आवश्यकता है।

-अधिकाश डोगरा। डोर-टू-डोर तो कूड़ा उठाने के लिए कर्मी आ रहे हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था को और मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा शहरी तो बन गए हैं, लेकिन अब भी निकाय वाली सुविधाएं पूर्ण रूप में मयस्सर नहीं हो पाई है।

-सागर। पंचायतों को मर्ज कर शहर का दायरा बढ़ाया गया है, लेकिन अब भी जिन सुविधाओं की आवश्यकता है वह उपलब्ध नहीं है। निकाय में सीवरेज सहित सुलभ शौचालय की अभी तक व्यवस्था नहीं हुई है। इस ओर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

-सुनील। निगम की ओर से शहर में दुकानों से कूड़ा एकत्र करने के लिए गाड़ी तो भेजी जाती है, लेकिन उसके समय में बदलाव होना चाहिए, क्योंकि शहर की दुकानें सुबह 10 बजे के बाद ही खुलती हैं। ऐसे में 10 बजे के बाद ही गाड़ी घूमनी चाहिए, ताकि दुकानदार अपना कूड़ा दे सकें।

-संजीव कुमार। कई जगह पर अब भी भूमिगत कूड़ेदान के बाहर कूड़ा बिखरा है। समस्या हल हो, इसके लिए निगम के अधिकारियों व महापौर से लगातार चर्चा की जा रही है। इसके अलावा डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था को भी पुख्ता बनाए जाने की दिशा में मिलकर काम किया जाएगा।

-देवेंद्र जग्गी, पूर्व महापौर एवं पार्षद। डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था को पुख्ता किए जाने को लेकर प्रयास जारी हैं। हालांकि अभी भी 30 फीसद शहरी ही डोर-टू-डोर कूड़ा उठाए जाने की एवज में शुल्क दे रहे हैं। शहरियों को भी जागरूक किया जाएगा कि वह भी अपना योगदान शुल्क देकर सुनिश्चित करें। जहां तक बात भूमिगत कूड़ेदान की है तो वहां से शिकायत मिलती है उन्हें तुरंत खाली करवा दिया जाता है।

-ओंकार नैहरिया, महापौर नगर निगम धर्मशाला।

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