हिमाचल में सामान्‍य लोगों की बजाय दिव्‍यांगजनों का मतदान प्रतिशत अधिक, मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने की सराहना

Himachal Voting Percentage भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने हिमाचल प्रदेश में अन्य मतदाताओं की तुलना में दिव्यांगजनों का मतदान प्रतिशत अधिक होने की सराहना की है। वे चुनाव आयोग की ओर से आयोजित सुगम्य चुनाव पर राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 01:09 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 01:09 PM (IST)
हिमाचल में सामान्‍य लोगों की बजाय दिव्‍यांगजनों का मतदान प्रतिशत अधिक, मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने की सराहना
चुनाव आयोग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी सी पालरासु व अन्‍य।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Voting Percentage, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने हिमाचल प्रदेश में अन्य मतदाताओं की तुलना में दिव्यांगजनों का मतदान प्रतिशत अधिक होने की सराहना की है। वे चुनाव आयोग की ओर से आयोजित 'सुगम्य चुनाव पर राष्ट्रीय सम्मेलन' में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। इसमें संपूर्ण चुनाव आयोग और देश के वरिष्ठ विकलांगता विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और सुगम्य चुनाव के राज्य कोआर्डिनेटर प्रो. अजय श्रीवास्तव ने किया। मंगलवार देर शाम तक हुई इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी सी पालरासु,  अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी दलीप नेगी व नीलम दुल्टा और ओएसडी नीरज शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। वीडियो कांफ्रेंसिंग का प्रबंध राज्य चुनाव विभाग के कांफ्रेंस हाल में किया गया था।

प्रो. अजय श्रीवास्तव ने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांग मतदाताओं के लिए बाधा रहित वातावरण बनाने के उद्देश्य से हिमाचल में काफी काम किया गया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव प्रदेश में 74 प्रतिशत दिव्यांगजनों ने वोट डाले, जबकि अन्य वोटरों का मतदान प्रतिशत 72 फीसद था। इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश के प्रयासों की प्रशंसा की।

उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनावों में दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए सभी सुविधाएं जुटाने के साथ ही आधुनिक टेक्नोलाजी का इस्तेमाल भी किया जाएगा। प्रो श्रीवास्तव ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि देशभर में दिव्यांग विद्यार्थियों के विशेष स्कूलों, बेसहारा महिलाओं के आश्रय स्थलों, मनोरोग अस्पतालों और वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को मतदाता सूचियों में दर्ज करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इन संस्थानों में मतदान केंद्र भी बनाए जाने चाहिए।

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में तकनीकी सुधार कर दृष्टिबाधित एवं डेफब्लाइंड मतदाताओं को क्रम से आडियो एवं ब्रेल के माध्यम से यह जानने दिया जाए कि उनका वोट किसको गया है। मूकबधिर मतदाताओं से संवाद के लिए उन्होंने संकेत भाषा के विशेषज्ञ के साथ वीडियो कालिंग करवाने का भी सुझाव दिया।

हिमाचल प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाधा रहित बनाने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आनलाइन आयोजन किया था।

2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में चुनाव विभाग ने दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए मतदान की प्रक्रिया आसान बनाने को लेकर काफी प्रयास किए। युवा मतदाताओं एवं दिव्यांगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करने का काम चुनाव विभाग की यूथ आइकन मुस्कान नेगी ने किया। इसके अच्छे परिणाम आए और दिव्यांग मतदाताओं ने बड़ी संख्या में वोट डाले।

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