लाखों रुपये की हेराफेरी के मामले में जिला योजना अधिकारी निलंबित

विकास में जन सहयोग योजना के बजट में नौ लाख रुपये के हेरफेर पर सिरमौर जिला योजना अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। योजना विभाग के निदेशक ने डीसी सिरमौर आरके गौतम व एसीटूडीसी प्रियंका चंद्रा को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 09:55 PM (IST)
लाखों रुपये की हेराफेरी के मामले में जिला योजना अधिकारी निलंबित
लाखों रुपये की हेराफेरी के मामले में जिला योजना अधिकारी निलंबित

नाहन, जागरण संवाददाता। विकास में जन सहयोग योजना के बजट में नौ लाख रुपये के हेरफेर पर सिरमौर जिला योजना अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। योजना विभाग के निदेशक ने डीसी सिरमौर आरके गौतम व एसीटूडीसी प्रियंका चंद्रा को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच अधिकारी को फैक्ट फाइंङ्क्षडग रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं।

जिला योजना अधिकारी ने यह सारी धनराशि अपने बेटे और क्लर्क के बैंक खाते में जमा करवाई थी। लगभग साढ़े सात लाख बेटे और डेढ़ लाख क्लर्क के खाते में जमा हुए हैं। सूत्र बताते हैं मामले का पता लगने के बाद जब जांच हुई है तो राशि वापस विभाग के खाते में जमा करा दी गई।

विकास में जन सहयोग योजना के तहत राशि की मंजूरी उपायुक्त के स्तर पर होती है। इसके बाद जिला योजना अधिकारी की ओर से इस राशि को लाभार्थी को ट्रांसफर किया जाता है। इस मामले में विभाग को एक शिकायत भी मिली थी। इसी बीच प्रशासन ने भी सरसरी तौर पर जांच में पाया था कि वित्तीय अनियमितता हुई है। उधर, जिला सिरमौर के उपायुक्त राम कुमार गौतम ने जिला योजना अधिकारी के निलंबन की पुष्टि की है।

 रिश्वत लेने के आरोपित सर्वेयर को मिला पुलिस रिमांड

राज्य ब्यूरो, शिमला : कृषि विभाग में रिश्वत लेने के आरोपित सर्वेयर लायक राम को चार दिन का पुलिस रिमांड मिला है। उसे बुधवार को विजिलेंस ने अतिरिक्त सत्र न्यायधीश की अदालत में पेश किया। वहां जांच एजेंसी ने पुलिस रिमांड का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। आरोपित को 17 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उसे मंगलवार को शिमला के घणाहट्टी में दस हजार रूपये की रिश्वत देते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। लायक राम एक ङ्क्षसचाई टैंक के निर्माण के कार्य का सर्वेक्षण व मूल्यांकन नहीं कर रहा था। ऐसा करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। कृषि विभाग ने टैंक के निर्माण के लिए दस लाख की राशि स्वीकृत की थी। पूरे मामले की विजिलेेंस के पास शिकायत की गई। जैसे ही शिकायतकर्ता ने दस हजार थमाए, विजिलेंस ने सर्वेयर को रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस के आइजी रामेश्वर ङ्क्षसह ठाकुर ने बताया कि आरोपित को 17 जुलाई तक का पुलिस रिमांड मिला है।

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