विधानसभा सत्र के बाद होगा शिक्षकों की मांगों पर मंथन, विभाग ने मुख्य सचिव से दोबारा मांगा बैठक का समय

Himachal Pradesh Teachers News राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की मांगों पर अब विधानसभा सत्र के बाद ही चर्चा होगी। हाई पावर कमेटी की बैठक अब विधानसभा सत्र के बाद आयोजित की जाएगी। शिक्षा विभाग ने मुख्य सचिव को फाइल भेजकर बैठक के लिए दोबारा समय मांगा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:57 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 02:57 PM (IST)
विधानसभा सत्र के बाद होगा शिक्षकों की मांगों पर मंथन, विभाग ने मुख्य सचिव से दोबारा मांगा बैठक का समय
राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की मांगों पर अब विधानसभा सत्र के बाद ही चर्चा होगी।

शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की मांगों पर अब विधानसभा सत्र के बाद ही चर्चा होगी। हाई पावर कमेटी की बैठक अब विधानसभा सत्र के बाद आयोजित की जाएगी। शिक्षा विभाग ने मुख्य सचिव को फाइल भेजकर बैठक के लिए दोबारा समय मांगा है। इस बैठक में शिक्षकों की पदोन्नति, वित्तीय अनियमितता जैसे मामलों से लेकर कई अन्य मसलों पर चर्चा की जाएगी। पहले यह बैठक 2 दिसंबर को प्रस्तावित थी, मुख्य सचिव की व्यवस्था के कारण बैठक शुरू होने से ठीक पहले इसे टालना पड़ा था। बैठक टलने से शिक्षक वर्ग काफी खफा है। विधानसभा सत्र में शिक्षकों से जुड़े कई सवाल आएंगे।

अभी विभागीय अधिकारी इन सवालों के जवाब तैयार करने में लगे हुए हैं। हाई पावर कमेटी में जिन एजेंडों पर बैठक में चर्चा होनी है उसके लिए विभाग से कुछेक जानकारी मांगी है। विधानसभा की व्यवस्तता के कारण इसका जवाब नहीं आया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 80 हजार शिक्षक हैं। शिक्षक पिछले काफी समय से सरकार से हाईपावर कमेटी की बैठक जल्द करने की मांग उठा रहे हैं ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी है कमेटी

प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की मांगों के निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सचिव शिक्षा के अलावा वित्त, कार्मिक सहित अन्य विभागों के सचिव शामिल हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से बैठक के लिए पहले भी समय मांगा गया था। पहले उपचुनाव के कारण बैठक टल गई थी। विभाग के पास शिक्षकों से जुड़ी करीब 30 से ज्यादा मांगें आ चुकी हैं। इनमें ज्यादातर मांगें आरएंडपी नियमों में बदलाव, वित्तीय मामलों से संबंधित हैं। हालांकि पहली बैठक में विभाग कुछ मामलों को ही चर्चा के लिए रखेगा।

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