काव्य संग्रह जमीन पर होने की खुशी की कविताओं पर चर्चा

कुल्लू महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ की साहित्य संवाद इकाई की तरफ से र्कायक्रम आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:36 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:36 PM (IST)
काव्य संग्रह जमीन पर होने की
खुशी की कविताओं पर चर्चा
काव्य संग्रह जमीन पर होने की खुशी की कविताओं पर चर्चा

जागरण संवाद केंद्र, धर्मशाला : कुल्लू महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ की साहित्य संवाद इकाई की तरफ से रविवार को लेखक से मिलिए सीरीज की पांचवीं कड़ी का आयोजन प्रधानाचार्या वंदना वैद्य व कार्यक्रम संयोजक डा. उरसेम लता की अध्यक्षता में किया गया। इस सप्ताह मुख्य वक्ता के तौर पर कागड़ा जिला से संबंध रखने वाले कवि राजीव कुमार त्रिगर्ती मौजूद रहे। विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने सप्ताह भर त्रिगर्ती के काव्य संग्रह जमीन पर होने की खुशी की लगभग 25 कविताओं पर चर्चा की।

विद्यार्थियों में उसकी जरूरत, वे, मनुष्य का पता, छोटा होने के लिए, खूंटा, छाती पर पत्थर, बस ड्राइवर, श्रद्धाजलि, सबसे जरूरी पढ़ाई, आज भी और उम्मीद कविताएं अधिक चíचत रहीं। कार्यक्रम का आगाज संचालक रेखा गक्खड़ के स्वागत संबोधन से हुआ। डा. हेमराज भारद्वाज सहित डिंपल, कमल, लक्ष्मी, नतिसा, मीनाक्षी, संतोष, अनुपमा, नेहा, डोलमा, दीपिका, निधि, सुषमा, जया आदि विद्यार्थियों ने मुख्य वक्ता के समक्ष जिज्ञासाएं रखीं। जिज्ञासाओं को दूर करते हुए राजीव कुमार त्रिगर्ती ने कहा कि कविताएं कवि होने के लिए नहीं बल्कि आत्मसंतुष्टि के लिए लिखी जाती हैं।

सबसे जरूरी पढ़ाई कविता के प्रसंग में उन्होंने पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किताबी ज्ञान के साथ मानवीय मूल्य और नैतिकता की पढ़ाई भी जरूरी है जो हमारे संस्कारों से परिष्कृत होती है। इस दौरान विशेष अतिथि के रूप में डा. सूरत ठाकुर, डा. विजय विशाल, अजेय, इशिता गिरीश, निरंजन देव शर्मा, प्रो. कृष्ण लाल, प्रदीप सैणी, चद्रकाता परमार, बिंता ठाकुर जबकि पूर्व विद्यार्थियों में नरेंद्र, हेमराज भारद्वाज, रेखा वर्धन, छाया, पूजा, सुनीता गिरी, पवन, काता सहित लगभग 70 विद्यार्थी व शोधार्थी मौजूद रहे।

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