कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन में विसंगति से पनप रहा रोष, पुलिस विभाग में वित्‍तीय लाभ के लिए लंबा इंतजार

Himachal Pradesh Police Job लोगों की सुविधा और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अधिकारियों और कर्मचारियों की होती है। कर्मचारी ही योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं। समय-समय पर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ भी दिए जाते हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 02:02 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 02:02 PM (IST)
कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन में विसंगति से पनप रहा रोष, पुलिस विभाग में वित्‍तीय लाभ के लिए लंबा इंतजार
पुलिस विभाग में वित्तीय लाभ के लिए आठ साल का इंतजार करना पड़ता है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Police Job, लोगों की सुविधा और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अधिकारियों और कर्मचारियों की होती है। कर्मचारी ही योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं। समय-समय पर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ भी दिए जाते हैं। लेकिन कई बार ऐसी खामियां सामने आती हैं, जिनसे प्रशासनिक व्यवस्था पर ही प्रश्न उठते हैं। एक जैसे कार्य के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन में भिन्नता होने से उनमें रोष पनपता है। इससे उनकी कार्यशैली पर भी असर पड़ता है। जब बात सुरक्षा कर्मचारियों से जुड़ी हो तो इस पर मंथन किया जाना जरूरी है।

सरकारी विभागों में अनुबंध आधार पर भी नियुक्ति की जाती हैं। जब इन्हें तीन साल बाद नियमित किया जाता है तो दो साल की प्रोबेशन अवधि के बाद सभी तरह के वित्तीय लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं, जबकि पुलिस विभाग में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। पुलिस विभाग में कांस्टेबल की भर्ती तो नियमित आधार पर की जाती है, लेकिन उन्हें वित्तीय लाभ के लिए आठ साल का इंतजार करना पड़ता है।

पहले पुलिस कर्मचारियों को भी नियमित होने पर वेतनमान दिया जाता था, लेकिन 2012 में नई व्यवस्था लागू कर दी गई थी। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों ने मामले को सरकार के समक्ष भी रखा था, लेकिन इसका हल नहीं निकल पाया है। अब पुलिस विभाग में कांस्टेबल की भर्ती की जा रही है। इन्हें भी आठ साल के इंतजार के बाद ही सभी तरह के वित्तीय लाभ मिल सकेंगे।

पुलिस कल्याण संघ का कहना है कि पुलिस कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी देते हैं, लेकिन उनके लिए इस तरह का नियम कतई सही नहीं है। कर्मचारियों की नियुक्ति और वित्तीय लाभ के लिए एक जैसी नीति न होने के कारण ही विरोध के स्वर उठते हैं। बेरोजगारी के कारण युवा कांस्टेबल की भर्ती के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें आठ साल तक वित्तीय लाभ से वंचित रखना सही नहीं है। सरकार को सभी विभागों में नौकरी के लिए एक जैसे नियम बनाने चाहिए। अगर कहीं पर कोई कमी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। जब कर्मचारी संतुष्ट होंगे तो वे जिम्मेदारी भी सही तरीके से निभा सकेंगे।

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