ऊना में आपदा से निपटने के पर्याप्त प्रबंध नहीं
जिला ऊना में दोनों ही तरह की भौगोलिक परिस्थितियां हैं लेकिन यहां आपदा प्रबंधन के लिए प्रबंध फिलहाल सरकारी कार्यालयों से बाहर निकल पाए हैं। धरातल पर इंतजाम नाकाफी हैं। स्वां नदी और इसकी सहयोगी खड्डें रौद्र रूप दिखा सकती हैं।
सुरेश बसन, ऊना। जिला ऊना में दोनों ही तरह की भौगोलिक परिस्थितियां हैं लेकिन यहां आपदा प्रबंधन के लिए प्रबंध फिलहाल सरकारी कार्यालयों से बाहर निकल पाए हैं। धरातल पर इंतजाम नाकाफी हैं। स्वां नदी और इसकी सहयोगी खड्डें रौद्र रूप दिखा सकती हैं। जहां पानी का उफान साथ लगती आबादी और इसके आसपास बने अस्थायी ठिकानों को तबाह कर सकता है। हालात अब भी कुछ ऐसे ही हैं। जिला की स्वां नदी के घालुवाल, संतोषगढ़, रामपुर ऐसे स्थान हैं, जहां पर अन्य राज्य के लोग झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे हैं या फिर इसके बिल्कुल बीचोंबीच मवेशियों को चराते हैं। ऐसे में बरसात के दिनों में स्वां नदी और खड्डें एकाएक उफान पर आ जाएं तो यह जान पर भी बन सकता है। हालांकि स्वां नदी के इर्द-गिर्द चेतावनी बोर्ड लगे हैं लेकिन किसी टास्क फोर्स या टीम की ओर से निरंतर चेक न होना बड़ी आपदा को दावत का कारण भी बन सकता है।
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बंगाणा एवं चिंतपूर्णी के कई क्षेत्रों में भूस्खलन के लिए रणनीति
जिला प्रशासन का कहना है कि वह धर्मशाला में हुई आपदा के बाद अलर्ट मोड पर है। कुछ रोज पूर्व प्रबंधन के लिए बैठक तो अब फोन के माध्यम से सभी विभागों के मुखियाओं सहित एसडीएम को भी निर्देश जारी किए गए हैं। प्रशासन के समक्ष चुनौती बंगाणा, ङ्क्षचतपूर्णी के क्षेत्रों में भूस्खलन जैसे हालात से निपटने के लिए रहेगी। जहां प्रबंध के लिए उपायुक्त द्वारा लोक निर्माण विभाग एवं वन विभाग को मशीनरी के साथ लैंड स्लाइङ्क्षडग, पेड़े गिरने जैसी आपदा में तत्काल रोड सुचारू करने के निर्देश जारी गए हैं। हालांकि यह कहां तक प्रभावी दिखता है, यह वक्त पर ही सिद्ध होगा।
सर्पदंश के मामलों पर भी नजर
जिला आपदा प्रबंधन में सर्पदंश के मामलों को लेकर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। फिलहाल सीएमओ ऊना को हर स्तर पर एंटी वीनम इंजेक्शन की उपलब्धता रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पंचायतों को भी निर्देश
ऊना के नजदीकी कोटला खड्ड में पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के कारण काफी पानी आ रहा है। प्रशासन ने इस बात को देखते हुए पंचायत स्तर पर प्रधान को स्थानीय लोगों को खड्ड की ओर न जाने की चेतावनी देने को कहा है। लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। जिला की बाकी पंचायतों को भी अपनी नजदीकी खड्डों और स्वां नदी की आपदा से बचाव के लिए अलर्ट रहने को कहा गया है।
बरसात में कहीं नुकसान तो बजट का किया गया प्रविधान
जिला में अगर बारिश में हुई आपदा के कारण किसी को नुकसान होता है तो उस दशा में प्रशासन उनका सहारा बनेगा। इसके लिए पांचों खंडों में सभी एसडीएम को बजट जारी कर दिया गया है। अगर किसी का घर गिर जाता है तो अस्थायी शेल्टर, तिरपाल, गोशाला आदि राहत कार्य के लिए बजट का प्रबंध किया गया है।
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जिला में बरसात में आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। कुछ रोज पहले बैठक के बाद फोन पर अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। लोगों को स्वां नदी, खड्डों आदि से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। फिर भी अगर कोई मवेशियों को नदी में चरा रहा है या झुग्गियों में रह रहा है तो टीम इन सब पहलुओं का निरीक्षण करेगी। ऐसे लोगों को वहां से हटाया जाएगा।
-राघव शर्मा, उपायुक्त ऊना।