इस पंचायत में 400 से ज्यादा लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब, मतदान के दिन काले झंडे लेकर करेंगे मार्च
Panchayat Election निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की गई मतदाता सूची में विकास खंड धर्मशाला के तहत आने वाले ग्राम पंचायत सराह के करीब चार से पांच लोगों के नाम ही काट दिए हैं। इसके अलावा कई मतदाताओं के नाम अन्य वार्डों के डाल दिए हैं।
धर्मशाला, जेएनएन। पंचायती राज चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की गई मतदाता सूची में विकास खंड धर्मशाला के तहत आने वाले ग्राम पंचायत सराह के करीब चार से पांच सौ लोगों के नाम ही काट दिए हैं। इसके अलावा कई मतदाताओं के नाम अन्य वार्डों के डाल दिए हैं। अब जब ग्रामीणों के पास मतदाता सूची पहुंची है तो वे परेशान हो गए हैं। इस समस्या को लेकर गांव के करीब 50 लोग शनिवार को अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा राहुल के पास पहुंचे तो उन्होंने उसकी समस्या को कोई भी विचार करने से स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया। एडीसी के तर्क व उनकी बात से ग्रामीण रोष में आ गए हैं। उसका कहना है कि अब वे सभी लोग 21 जनवरी को होने वाले मतदान के दिन काले झंडे लेकर सराह से कचहरी तक मार्च निकालेंगे।
ग्रामीण मृदुल ठाकुर, शुभम ठाकुर, सौरभ, जितेंद्र कुमार, रजत, कुनाल, नेहा शर्मा, रोहित शर्मा, सुमित शर्मा, दिनेश शर्मा, वर्षा, मीनू, देवेंद्र सिंह, निखिल धीमान, काजल, पल्लवी, साहिल, गौतम, आकाश, हरविंद्र सिंह, निकिता चावला, अविनाश, पंकज, समीर व अन्य ने कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान किया था। अब पंचायती राज चुनावों की मतदाता सूची में उनका नाम ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आदेशों में सरकार की ओर से हर चुनाव में वोट बनाने के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पंचायत प्रतनिधियों की भी जिम्मेवारी होती है कि अपने अपने क्षेत्र में नए मतदाताओं के वोट बनाए। लेकिन चिंतनीय बात है कि पंचायती राज चुनावों के लिए न तो कोई सरकारी कर्मचारी उसकी पंचायत में वोट बनाने के लिए आया और न ही पंचायत प्रतिनिधियों ने इस ओर काम करने के लिए सोचा।
विधानसभा चुनावों के दौरान सराह पंचायत 1800 से अधिक मतदाता था। पिछले दो सालों में करीब 150 नए मतदाता ओर जुड़े हैं। ऐसे में मतदाताओं की संख्या बढ़ने की बजाय आयोग ने घटा दी है। पंचायती राज चुनावों के लिए पंचायत में केवल 1500 ही मतदाता रह गए हैं। मतदाता सूचियों में केवल नए युवा मतदाताओं के नाम ही काटे गए हैं।
ग्रामीण युवाओं का आरोप है कि ये किसी राजनीतिक दल की सोची समझी चाल है। राजनीति आदेश व कथित आदेशों की पालना करते हुए ही आयोग ने उसके नाम मतदाता सूची से काटे हैं। उस पर जिला स्तर के निर्वाचन अधिकारी का रवैया से सही नही है। ऐसे में सभी लोगों ने तय किया है कि उनकी पंचायत में 21 जनवरी को मतदान होगा, उस दिन के काले झंडे लेकर कचहरी चौक तक मार्च निकालेंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने विधानसभा चुनावों की सूची के आधार पर वोट देने का अधिकार नहीं दिया तो न्यायालय में भी इसको लेकर याचिका दायर करेंगे।